पुणे, 1 अगस्त . पूर्व राज्यसभा सांसद अमर साबले ने मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में 31 जुलाई को एनआईए की विशेष अदालत के फैसले का स्वागत किया, जिसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. उन्होंने इस फैसले को India की न्यायिक व्यवस्था की निष्पक्षता का उदाहरण बताया.
साबले ने दावा किया कि मोदी Government के नेतृत्व में देश में न्याय सुनिश्चित हो रहा है और Government ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर कार्य कर रही है.
पूर्व राज्यसभा सांसद ने Friday को से बातचीत में मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता.
उन्होंने दावा किया कि इस मामले में भगवा आतंकवाद के नाम पर निर्दोष लोगों को झूठे केस में फंसाया गया, जिसके कारण साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात आरोपियों को 9 साल तक कष्ट सहना पड़ा. साबले ने गलत जांच करने वाले Police अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
उन्होंने इस धमाके में मारे गए 6 लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की.
पूर्व सांसद ने एनआईए की विशेष अदालत के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि India की न्यायिक व्यवस्था सत्य के साथ है और इससे लोगों का कोर्ट पर भरोसा बढ़ा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से षड्यंत्र रचा गया और निर्दोष लोगों को जेल में डाला गया, यह गलत था. बोले, “2008 में कांग्रेस Government के कार्यकाल में, Mumbai बम ब्लास्ट के मद्देनजर, एक समुदाय को खुश करने के लिए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात लोगों को झूठे केस में फंसाया गया.”
मोदी Government की तारीफ करते हुए कहा कि यह किसी जाति या धर्म की Government नहीं है, बल्कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर काम करती है.
उन्होंने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से संसद परिसर में हुई बातचीत का जिक्र किया. कहा, “उन्होंने जेल में जो सहन किया उसे सुनकर प्रार्थना करता हूं कि ऐसी स्थिति किसी के जीवन में न आए. कानून को अपना काम करना चाहिए और गलत जांच करने वाली व्यवस्था को दंडित करने का सिस्टम बनना चाहिए.”
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डीकेएम/केआर