भारत की पड़ोस नीति में मालदीव का ‘विशेष स्थान’ : उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम

माले, 24 जुलाई . मालदीव में India के उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम ने Thursday को कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध किसी तीसरे पक्ष के प्रभाव से स्वतंत्र हैं. हिंद महासागर द्वीपसमूह India की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति में एक ‘विशेष स्थान’ रखता है.

Prime Minister Narendra Modi की Friday से शुरू होने वाली दो दिवसीय मालदीव यात्रा से पहले भारतीय राजनयिक ने के साथ एक साक्षात्कार में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया और कहा कि President मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद Prime Minister मोदी मालदीव की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष होंगे.

बालासुब्रमण्यम ने द्वीपीय राष्ट्र के विकास में India की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए Prime Minister मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच होने वाले कई समझौतों के बारे में भी बातें की.

सवाल : Prime Minister मोदी की मालदीव यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को कैसे बढ़ावा देगी?

जवाब : यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण यात्रा है. Prime Minister Narendra Modi President मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर स्वतंत्रता दिवस की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर मालदीव की यात्रा कर रहे हैं. वह 25 जुलाई को आ रहे हैं और 26 जुलाई को प्रस्थान करेंगे. यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण यात्रा है. यह Prime Minister की मालदीव की तीसरी यात्रा होगी, इससे पहले वह पहली बार 2018 और फिर 2019 में यात्रा कर चुके हैं. मोहम्मद मुइज्जू के President बनने के बाद किसी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली यात्रा है. 2017 के बाद से यह पहली बार है, जब मालदीव ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए किसी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है.मालदीव के स्वतंत्रता दिवस की 60वीं वर्षगांठ हमारे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के साथ भी मेल खाती है. India 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था, तब से हमारे बीच बहुत मैत्रीपूर्ण और घनिष्ठ राजनयिक संबंध रहे हैं.

राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के इस विशेष अवसर को मनाने के लिए हमारे Prime Minister और मालदीव के President इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे, इसलिए यह हमारे संबंधों में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

सवाल : क्या आपको लगता है कि इस क्षेत्र में चीनी प्रभाव चिंता का विषय बना हुआ है?

जवाब : मैं कहूंगा कि किसी भी देश के साथ हमारा रिश्ता एक स्वतंत्र रिश्ता है. यह किसी दूसरे देश के या हमारे अन्य देशों के साथ संबंधों से स्वतंत्र है. मालदीव के साथ हमारा रिश्ता ऐतिहासिक मित्रता और भौगोलिक पड़ोस पर आधारित है. हमारे Prime Minister ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारतीय कूटनीति में ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति एक प्रमुख भूमिका निभाती है और उस ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति में मालदीव का एक विशेष स्थान है. इसलिए यह हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को परिभाषित करता है.

सवाल : Prime Minister की यात्रा के दौरान कौन-कौन से कार्यक्रम प्रस्तावित हैं?

जवाब : स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के बाद वह President मुइज्जू के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हमारे द्वारा शुरू की गई कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन, उन्हें सौंपना, समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर और समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान शामिल है. इस यात्रा के दौरान हमारे Prime Minister का पूरा कार्यक्रम यही होगा. दोनों नेता पिछले साल अक्टूबर 2024 में President मुइज्जू की India की राजकीय यात्रा के दौरान घोषित विजन दस्तावेज पर हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे, जो आर्थिक और समुद्री सुरक्षा पर एक व्यापक साझेदारी थी. हम कुछ समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर कर रहे हैं, जो आधिकारिक यात्रा का मुख्य हिस्सा हैं.

सवाल : दोनों देशों के बीच प्रस्तावित नए समझौता ज्ञापन क्या हैं?

जवाब : हम बहुत निकटता से काम कर रहे हैं और हम वाणिज्यिक, स्वास्थ्य, वित्त, मत्स्य पालन क्षेत्र आदि पर कुछ समझौते करेंगे. ये ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें हमारा बहुत घनिष्ठ सहयोग रहा है, विशेष रूप से क्षमता निर्माण और लोगों के प्रशिक्षण के संदर्भ में और साथ ही, दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों को सुलझाने में मदद करने के मामले में.

सवाल : India मालदीव के पर्यटन क्षेत्र में कैसे योगदान दे रहा है?

जवाब : हम मालदीव में पर्यटकों के छठे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं. भारतीय मालदीव आने वाले पर्यटकों का छठा सबसे बड़ा ग्रुप हैं. पिछले साल, लगभग 1,40,000 लोगों ने मालदीव का दौरा किया था. इस साल जून तक India से 60,000 से ज्यादा लोग मालदीव आ चुके हैं. यह भी ध्यान रखना अच्छा होगा कि 2025 में मालदीव आने वाला दस लाखवां पर्यटक एक भारतीय होगा.

सवाल : क्या इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कोई बहुप्रतीक्षित समझौता हो सकता है?

जवाब : कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जिन पर हम काम कर रहे हैं. हम शायद फिनटेक पर एक घोषणा करेंगे. हम मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने के लिए संदर्भ की शर्तों पर पहले ही सहमत हो चुके हैं. ये बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जिन पर हमारे दोनों देश काम कर रहे हैं. इसके अलावा, हम मत्स्य पालन, क्षमता निर्माण क्षेत्रों, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, प्रदान किए जाने वाले भारतीय स्टैक, भारतीय फार्माकोपिया आदि में भी सहयोग करेंगे. ये ऐसे क्षेत्र हैं, जो दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी होंगे.

डीकेपी/एबीएम