लिलोंग्वे, 18 जनवरी . मलावी में हैजा के बढ़ते मामलों देखते हुए पांच वर्षीय हैजा नियंत्रण योजना शुरू की गई है. इस योजना का लक्ष्य 2030 तक इस रोग की वार्षिक दर को 90 प्रतिशत तक कम करना है.
मलावी बहु-क्षेत्रीय हैजा नियंत्रण योजना (एमएमसीसीपी) के नाम से गुरुवार को शुरू की गई इस पहल से देश में हैजा की रोकथाम और नियंत्रण के लिए बहु-क्षेत्रीय हस्तक्षेपों से हैजा को रोकने के लिए बढ़ावा मिलेगा.
मलावी के स्वास्थ्य मंत्री खुम्बिज कैंडोडो चिपोंडा ने कहा कि एमएमसीसीपी बहुत जरूरी है, क्योंकि रिकॉर्ड बताते हैं कि 1973 में हैजा के पहले मामले सामने आने के बाद से देश में बार-बार इसका प्रकोप देखने को मिल रहा है.
मार्च 2022 से जनवरी 2025 तक मलावी में हैजा के 61,639 मामले और 1,786 मौतें दर्ज की गईं. इस दक्षिण अफ्रीकी देश में बार-बार होने वाले प्रकोपों के लिए दूषित पानी और गंदगी को जिम्मेदार ठहराया गया है.
मंत्री के अनुसार, उष्णकटिबंधीय तूफानों और चक्रवातों एना, गोम्बे, हिदाया, फ्रेडी और चिडो सहित प्राकृतिक आपदाओं ने पहले से मौजूद इस जोखिम को और अधिक बढ़ा दिया. इससे पहले से ही दबाव में काम कर रही स्वास्थ्य प्रणालियों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया, वैश्विक हैजा नियंत्रण कार्य बल के प्रमुख और क्षेत्रीय समन्वयक जोसेफ सेरिकी ने एमएमसीसीपी को एक ऐतिहासिक कदम बताया है.
इस बीच, मलावी ने हैजा प्रभावित पांच जिलों में टीकाकरण अभियान शुरू किया है, जिसमें सितंबर 2024 से 14 लोगों की मृत्यु हुई है और 263 मामले दर्ज किए गए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हैजा एक दस्त संक्रमण है, जो बैक्टीरिया विब्रियो कोलेरा से दूषित भोजन खाने या पानी पीने से होता है. हैजा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक वैश्विक खतरा बना हुआ है.
हैजा एक बेहद गंभीर बीमारी है जो दूषित पानी पीने से होती है. व्यक्ति में इसके लक्षण 12 घंटे से लेकर 5 दिनों तक दिखाई दे सकते हैं. हैजा बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित करता है और अगर इलाज न किया जाए तो कुछ ही घंटों में मौत हो सकती है.
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एमकेएस/