वियतनाम में मलेरिया के मामले 2024 में 21 प्रतिशत कम हुए

हनोई, 14 फरवरी . वियतनाम में 2024 में मलेरिया के मामलों में गिरावट जारी रही. इस दौरान कुल 353 मामले सामने आए, जो पिछले साल की तुलना में 21 प्रतिशत कम है. वियतनाम न्यूज के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

इन मामलों में से एक तिहाई बाहर से आए हुए थे. राहत की बात यह रही कि किसी की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई बड़ा संक्रमण फैला. यह वियतनाम की मलेरिया खत्म करने की दिशा में हुई प्रगति को दर्शाता है.

राष्ट्रीय मलेरिया संस्थान के निदेशक होआंग दिन्ह काह ने बताया कि देश ने मलेरिया उन्मूलन में महत्वपूर्ण सफलता पाई है. वियतनाम के 48 प्रांतों और शहरों को आधिकारिक रूप से मलेरिया मुक्त घोषित किया जा चुका है.

वियतनाम ने मलेरिया को समाप्त करने के लिए एक रणनीति बनाई है, जिसका लक्ष्य 2030 तक मलेरिया खत्म करना है. सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 2027 तक वियतनाम को यह सुनिश्चित करना होगा कि वहां मलेरिया के कोई स्थानीय मामले न हों.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो कुछ खास मच्छरों के काटने से फैलती है. यह आमतौर पर गर्म और नम जलवायु वाले देशों में पाई जाती है. यह बीमारी रोकी और ठीक की जा सकती है.

मलेरिया एक परजीवी के कारण होता है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलता. इसके लक्षण हल्के भी हो सकते हैं और गंभीर भी. हल्के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द शामिल हैं, जबकि गंभीर लक्षणों में कमजोरी, भ्रम की स्थिति, दौरे पड़ना और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है.

नवजात और 5 साल से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, वे लोग जो मलेरिया प्रभावित क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं, एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोग मलेरिया के प्रति अधिक जोखिम वाले हैं.

मलेरिया से बचने के लिए मच्छरों के काटने से बचाव करना जरूरी है. इसके लिए मच्छरदानी और दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो हल्के मामले गंभीर हो सकते हैं.

मलेरिया मुख्य रूप से संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है. संक्रमित खून चढ़ाने या दूषित सुई के इस्तेमाल से भी यह फैल सकता है.

संक्रमण के शुरुआती लक्षणों में इसकी सटीक पहचान मुश्किल हो सकती है. यदि पीड़ित व्यक्ति का इलाज न किया जाए, तो मलेरिया गंभीर रूप ले सकता है और 24 घंटे के भीतर जानलेवा हो सकता है. इसलिए शुरुआती जांच करवाना बहुत जरूरी है.

विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में मलेरिया के 26.3 करोड़ मामले सामने आए, जबकि 2022 में यह संख्या 25.2 करोड़ थी. 2023 में अनुमानित 5,97,000 मौतें हुईं, जो 2022 में 6,00,000 थीं.

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