मलेरिया के मामलों ने दिल्ली में पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा: सौरभ भारद्वाज

New Delhi, 1 अगस्त . आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो भाजपा की Chief Minister रेखा गुप्ता तथा अन्य कई मंत्रियों ने लगातार इस बात को कहा कि इस बार मानसून में जल भराव नहीं होगा, क्योंकि सरकार द्वारा सारे इंतजाम, सारी तैयारी कर ली गई हैं, लेकिन भाजपा सरकार के तमाम दावों के बावजूद दिल्ली में बारिश होते ही जगह-जगह जल भराव हुआ.

उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में हास्यास्पद बात यह है कि जल भराव के बावजूद भाजपा के मंत्री और भाजपा के नेता लगातार इस बात को कह रहे हैं कि कहीं कोई जल भराव नहीं हो रहा है.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दो दिन पहले ही पूरी दिल्ली ने देखा कि किस तरह से थोड़ी ही देर की बारिश में दिल्ली का कनॉट प्लेस, सदर बाजार, जनपथ सब जगह पानी भर गया, दुकानों के अंदर तक पानी भर गया, दिल्ली के मुख्य मार्ग पानी में डूब गए और प्रकृति ने बता दिया कि जलभराव हो रहा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में जलभराव होने के बावजूद भी जब भारतीय जनता पार्टी के नेता इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि जलभराव हो रहा है, तो प्रकृति ने सच सामने लाने का एक नया तरीका अपनाया.

उन्होंने कुछ अखबारों का हवाला देते हुए कहा कि अखबारों में छपी खबर के मुताबिक दिल्ली में इस साल मलेरिया ने पिछले 10 साल के सभी आंकड़ों को पार कर लिया है. सौरभ भारद्वाज ने कहा मलेरिया मच्छरों के काटने के कारण होता है और मच्छर जगह-जगह जल भराव के कारण पैदा होते हैं और यह इस बात का साक्ष्य है कि दिल्ली में जगह-जगह जल भराव हो रहा है.

आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने कहा कि दिल्ली की Chief Minister रेखा गुप्ता ने कहा कि मात्र दो घंटे का जल भराव कहीं-कहीं है, तो मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 2 घंटे के जल भराव में कभी मच्छर पैदा नहीं होते. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार के विभागों में आपसी समन्वय नहीं है. भाजपा हमेशा डबल इंजन सरकार की बात करती थी, आज दिल्ली में चारों इंजन भाजपा के पास हैं, परंतु समन्वय की कमी है, जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि मैं भाजपा की दिल्ली सरकार और मंत्रियों से कहना चाहता हूं कि केवल रील बनाने से काम नहीं चलेगा, धरातल पर रियल में काम करना पड़ेगा. जो आंकड़े मलेरिया के सामने आ रहे हैं, वह बेहद ही चिंताजनक है, इस पर सरकार को बड़ी ही संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए.

पीकेटी/डीएससी