रांची, 13 अगस्त . Jharkhand विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के Police महानिदेशक के पद पर अनुराग गुप्ता को बनाए रखने पर एक बार फिर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि यूपीएससी ने भी डीजीपी के रूप में उनकी नियुक्ति को वैध नहीं माना है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें इस पद पर बनाए रखना दुर्भाग्यपूर्ण है.
मरांडी ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि डीजीपी के पद पर “अवैध और गैरकानूनी” पदस्थापन के कारण Jharkhand Police सेवा (जेपीएस) अधिकारियों की भारतीय Police सेवा (आईपीएस) में प्रोन्नति पर विचार के लिए प्रस्तावित संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की बैठक रद्द हो गई. मरांडी के अनुसार, यूपीएससी ने सेवानिवृत्ति के बाद भी डीजीपी के पद पर “गैरकानूनी” रूप से कार्यरत रखे गए अनुराग गुप्ता को उस बैठक में शामिल रखने पर आपत्ति जताई, जिसके बाद बैठक टल गई.
मरांडी ने लिखा कि इस वजह से राज्य के योग्य Police अधिकारियों को तत्काल आईपीएस बनने का अवसर अनिश्चितकाल के लिए टल गया है, जबकि उनके करियर में “हर दिन महत्वपूर्ण” होता है. उन्होंने Chief Minister हेमंत सोरेन से सवाल करते हुए कहा कि “निजी स्वार्थ पूर्ति, भ्रष्टाचार एवं गलत कार्यों” के लिए Government “गैरकानूनी कदम” उठाकर होनहार अधिकारियों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों कर रही है.
उन्होंने आग्रह किया कि Government इस विषय पर गंभीरता से विचार करे और “कानून के मुताबिक” कार्रवाई करे. नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि प्रोन्नति प्रक्रिया में बाधा आने से Police बल का मनोबल प्रभावित होगा और प्रशासनिक कामकाज पर भी असर पड़ेगा. उन्होंने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” स्थिति बताते हुए कहा कि Government को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से प्रमोशन प्रक्रिया आगे बढ़ानी चाहिए. मरांडी ने Government से अपील की है कि वह शीघ्र स्थिति स्पष्ट करे और जेपीएससी के अधिकारियों की लंबित प्रोन्नति प्रक्रिया को आगे बढ़ाए.
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एसएनसी/डीएससी