जून में मॉयल का मैंगनीज अयस्क उत्पादन बढ़कर रिकॉर्ड 1.68 लाख टन हुआ

नई दिल्ली, 3 जुलाई . भारत की सबसे बड़ी मैंगनीज अयस्क उत्पादक कंपनी मॉयल ने जून में अब तक का सर्वाधिक 1.68 लाख टन मैंगनीज अयस्क उत्पादन कर अपनी मजबूत वृद्धि दर जारी रखी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक है. यह जानकारी गुरुवार को जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में दी गई.

मॉयल ने 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 5.02 लाख टन का अब तक का सर्वश्रेष्ठ तिमाही उत्पादन दर्ज किया है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 6.8 प्रतिशत अधिक है.

यह सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी स्टील बनाने के लिए इनपुट के रूप में मैंगनीज अयस्क की सप्लाई करती है. कंपनी ने 34,900 मीटर की अपनी अब तक की सर्वश्रेष्ठ पहली तिमाही एक्सप्लोरेटरी कोर ड्रिलिंग भी हासिल की, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 16.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्शाती है.

परिणामों पर संतोष व्यक्त करते हुए मॉयल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत कुमार सक्सेना ने कहा कि अप्रैल-जून अवधि में कंपनी का शानदार प्रदर्शन इसकी मजबूत बुनियादी बातों और निरंतर ग्रोथ आउटलुक को दर्शाता है.

वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में मॉयल ने कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 91.1 करोड़ रुपए की तुलना में 115.7 करोड़ रुपए रहा.

तिमाही के दौरान परिचालन से राजस्व 433.4 करोड़ रुपए रहा, जो एक वर्ष पहले के 415.9 करोड़ रुपए से 4.2 प्रतिशत अधिक है.

परिचालन प्रदर्शन स्थिर रहा, ईबीआईटीडीए सालाना आधार पर 8.7 प्रतिशत बढ़कर 139.4 करोड़ रुपए हो गया.

ईबीआईटीडीए मार्जिन एक वर्ष पहले की अवधि में 30.9 प्रतिशत से बढ़कर 32.2 प्रतिशत हो गया, जो बेहतर लागत नियंत्रण और दृढ़ मूल्य निर्धारण को दर्शाता है.

मॉयल बोर्ड ने तीसरी तिमाही के परिणामों की घोषणा के दौरान वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 4.02 रुपए प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश के भुगतान को भी मंजूरी दी है.

यह पिछले वर्ष के 3.50 प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश की तुलना में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

इसके अलावा, बोर्ड ने डोंगरी बुज़ुर्ग माइन, चिकला माइन और कांद्री माइन के लिए दो वेंटिलेशन शाफ्ट सहित पांच शाफ्ट सिंकिंग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी, जिनकी कीमत लगभग 886 करोड़ रुपए है. ये शाफ्ट कंपनी को आने वाले वर्षों में मौजूदा उत्पादन स्तर को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करेंगे.

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