महिंद्रा लॉजिस्टिक्स का घाटा पहली तिमाही में बढ़कर 9.44 करोड़ रुपए रहा

Mumbai , 21 जुलाई . महिंद्रा लॉजिस्टिक्स ने Monday को वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए. कंपनी का घाटा तिमाही आधार पर बढ़कर 9.44 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि पिछली तिमाही (वित्त वर्ष 25 की मार्च तिमाही) में 5.29 करोड़ रुपए पर था.

वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कंपनी की ऑपरेशंस से आय तिमाही आधार पर 3.54 प्रतिशत बढ़कर 1,624.59 करोड़ रुपए हो गई है, जो कि पिछली तिमाही में 1,569.51 करोड़ रुपए थी.

कंपनी की कुल आय में तिमाही आधार पर 3.69 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है, जो बढ़कर वित्त वर्ष 26 की जून तिमाही में 1,629.66 करोड़ रुपए हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 1,571.68 करोड़ रुपए थी.

हालांकि, तिमाही के दौरान कुल खर्च में तेज वृद्धि हुई है और यह पिछली तिमाही के 1,570.75 करोड़ रुपए से 4.12 प्रतिशत बढ़कर 1,635.44 करोड़ रुपए हो गया.

खर्चों में यह वृद्धि मुख्य रूप से उच्च परिचालन लागत और कर्मचारी खर्च में बढ़ोतरी के कारण हुई है.

वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कंपनी का परिचालन व्यय 1,407.4 करोड़ रुपए, कर्मचारी लागत 104.48 करोड़ रुपए, वित्तीय लागत और मूल्यह्रास लागत क्रमशः 22.53 करोड़ रुपए और 64.57 करोड़ रुपए रहा था. वहीं, अन्य खर्च 36.46 करोड़ रुपए था.

महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (एमएलएल) भारत की बड़ी थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) कंपनियों में से एक है. यह महिंद्रा समूह का हिस्सा है, जो समूह की प्राइवेट इक्विटी शाखा, महिंद्रा पार्टनर्स के अधीन काम करती है.

यह ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग, उपभोक्ता वस्तुओं और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में 400 से अधिक कॉर्पोरेट ग्राहकों को आपूर्ति श्रृंखला और एंटरप्राइज मोबिलिटी समाधान प्रदान करती है.

कंपनी एक ‘एसेट-लाइट’ मॉडल का पालन करती है और तकनीक आधारित सॉल्यूशंस पर केंद्रित है.

यह एलीट और मेरु जैसे ब्रांडों के तहत कर्मचारी परिवहन सेवाएं भी प्रदान करती है और कंपनी माल परिवहन क्षेत्र में भी एक्टिव है और हवाई, समुद्री और परियोजना कार्गो लॉजिस्टिक्स का प्रबंधन करती है.

एबीएस/