नई दिल्ली, 2 अक्टूबर . केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गांधी जयंती के दिन कनॉट प्लेस स्थित खादी स्टोर का दौरा किया. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी, पूर्व संयुक्त राष्ट्र सहायक महासचिव और लेखिका लक्ष्मी एम पुरी भी मौजूद थीं.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने गांधी जयंती के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सारगर्भित भूमिका पर भी प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी एक योद्धा थे, जिन्होंने देश को नई दिशा देने में अहम योगदान दिया. जब भारत गुलाम था, तो महात्मा गांधी विदेश में थे. उन्होंने लंदन से लॉ की डिग्री ली. इसके बाद वो प्रैक्टिस करने साउथ अफ्रीका गए. लेकिन, जब वो भारत लौटे, तो शुरू में उनकी भी विचारधारा थी कि ब्रिटिश शासन प्रणाली के अंतर्गत ही भारत के लोगों को अधिकार मिले, लेकिन, बहुत ही जल्द वो इस नतीजे पर पहुंचे कि इस व्यवस्था को बदलना होगा.”
उन्होंने आगे कहा, “भारत को आजादी दिलाने की दिशा में स्वच्छता पर भी विशेष जोर दिया. उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए अहिंसा का सहारा लेकर एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आगाज किया, जिसमें बाद में अन्य नेता भी शामिल हुए, लेकिन बुनियादी योगदान अगर किसी ने दिया, तो वो महात्मा गांधी थे. उन्होंने एक व्यापक आंदोलन शुरू किया था.”
उन्होंने कहा, “2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्रचीर से कहा था कि महात्मा गांधी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि देश को पूर्ण रूप से स्वच्छ घोषित करना होगा. आज हमने इस दिशा में काफी हद तक सफलता प्राप्त कर ली है. स्वच्छता के आंदोलन की शुरुआत महात्मा गांधी ने किया था. बनारस के एक कॉलेज में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि मैं कल शाम भगवान को ढूंढने गया था, लेकिन भगवान नहीं मिले. वो भगवान का जिक्र कर स्वच्छता की ओर से संकेत कर रहे थे.”
उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम बने थे, तो उन्होंने स्वच्छता के अभियान को संस्थागत तरीके से आगे बढ़ाने का काम किया और आज यह विराट स्वरूप धारण कर चुका है.”
उन्होंने कहा, “मुझे याद है, 2014 में श्रमदान किया गया था. आज भी कई लोगों ने श्रमदान किया है. अब यह हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है. अब यह आंदोलन बन चुका है. यह हमारी दैनिक जीवनचर्या का हिस्सा बन चुका है. इस दिशा में हम और ज्यादा काम करेंगे.”
उन्होंने कहा, “खादी की बात करें तो लोगों में खादी को लेकर आतुरता देखने को मिलती है. कई लोग अब खादी में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.”
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एसएचके/जीकेटी