महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने कहा, ‘मैं 87 बैच की अफसर, प्रशासकीय प्रणाली के तहत हुआ चयन’

मुंबई, 2 जुलाई . सीनियर आईएएस अधिकारी सुजाता सौनिक ने इतिहास रच डाला है. वो महाराष्ट्र की पहली महिला अफसर हैं, जिन्हें मुख्य सचिव पद की कमान सौंपी गई है. इनसे ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों और जीवनशैली पर भी खुलकर राय रखी और प्रदेश सरकार की हर स्कीम को आम जन तक पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्प जताया.

नई जिम्मेदारी को किस रूप में देखती हैं? इस सवाल के जवाब में सुजाता सौनिक कहती हैं- मैं काफी खुश हूं, आभारी भी हूं कि मुझे ये जिम्मेदारी सौंपी गई. आगे बोलीं की लाडली बहना की तर्ज पर जो योजना है, उसे लेकर काम शुरू हो गया है. हम लोग देख रहे हैं कि डेटा बेस क्या है और डिजिटली कैसे फायदा पहुंचा सकते हैं. यह योजना चुनाव के दौरान भी चलती रहेगी.

चुनाव से पहले कुछ योजनाओं की बात हुई है, तो क्या चुनाव से पहले ये मुमकिन हो पाएगा? इस सवाल पर सौनिक कहती हैं, 28 जून को मंत्रिमंडल की बैठक में 4-5 योजनाओं पर बात हुई है. शासन ने सबके लिए कुछ न कुछ सोचा है. समाज के हर घटक के लिए, चाहे वो महिला हो या यूथ, शासन ने सबके लिए कुछ न कुछ सोचा है. मेरी और मेरे साथी कर्मचारियों की जिम्मेदारी व जवाबदेेही बनती है कि हम इस पर काम करें.

विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में सौनिक की नियुक्ति को लेकर कुछ सवाल उठाए गए हैं. लिखा गया है कि विधानसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर उन्हें इतने बड़े पद पर बैठाया गया है. इस सवाल का भी वे शालीनता से जवाब देती हैं. अपने लंबे करियर की ओर इशारा कर कहती हैं- मेरा दृष्टिकोण बहुत सकारात्मक रहता है, नकारात्मक रही ही नहीं हूं. मैं 87 बैच की अफसर हूं. इस राज्य में मुझे लंबा समय हो गया है. प्रशासकीय प्रणाली के तहत यहां पहुंची हूं. मन में सिर्फ एक ही भावना, आभार है, धन्यवाद देती हूं उनका, जिन्होंने मुझे ये जिम्मेदारी दी है.

अपने लाइफ स्टाइल को महिला होने के नाते कैसे मैनेज करती हैं? इस सवाल पर कहती हैं- लंबे समय से प्रैक्टिस है. मैं शांत रहती हूं. कुछ ऐसी एक्टिविटी करना पसंद है, जो खुले वातावरण में ले जाती है, वो अच्छा लगता है. शुरू से ही पेट लवर हूं. शुरू से ही पेट रहे हैं. उनके होने से स्ट्रेस दूर होता है. खाने पीने के साथ ही योग मेडिटेशन से सब ठीक रहता है.

केआर/