Mumbai , 13 जुलाई . Maharashtra विशेष जन सुरक्षा विधेयक पर कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी तरह से गलत है.
Sunday को से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बिल के खिलाफ विपक्ष को सबसे पहले इसका विरोध करना चाहिए था, लेकिन उम्मीद के मुताबिक ऐसा नहीं हो पाया है. उन्होंने इस बिल को छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले और बाबासाहेब अंबेडकर की विचारधारा के खिलाफ बताया. उनके अनुसार, यह विधेयक समाज के गरीब और वंचित वर्गों के अधिकारों की आवाज को दबाने के लिए लाया गया है. दलवई ने कहा कि विपक्ष को इस विधेयक का विधानसभा के अंदर और बाहर पूरी ताकत से विरोध करना चाहिए था. उन्होंने इस कानून को असहमति की आवाज को कुचलने का हथियार करार दिया और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की.
दलवई ने यह भी आरोप लगाया कि इस कानून के जरिए उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जो सामाजिक न्याय की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा का समर्थन करते हैं, उन पर कार्रवाई होनी ही चाहिए. गांधीजी का रास्ता अहिंसा का था और वही हमारे लोकतंत्र की नींव है. लेकिन आज देश में हिंसा कौन कर रहा है. इसकी जांच होनी चाहिए और इस कानून को लाने की क्या जरूरत थी.
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि किसी भी धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना गलत है. पैगंबर मोहम्मद एक आदर्श व्यक्तित्व थे जिन्होंने शांति और मार्गदर्शन का संदेश दिया. उनके खिलाफ कुछ भी कहना न केवल निंदनीय है, बल्कि देश में अशांति फैलाने का भी प्रयास है. अगर कोई शंकराचार्य या भगवान श्रीराम के खिलाफ इस तरह बोले, तो क्या हम चुप रहेंगे. यह पूरी तरह गलत है. ऐसी फिल्मों पर प्रतिबंध लगना बिल्कुल सही है, मैं इसका समर्थन करता हूं.
चुनाव आयोग पर उन्होंने कहा कि यह एक संवैधानिक संस्था है, और उसकी निष्पक्षता लोकतंत्र की आत्मा है. लेकिन जिस तरह से Maharashtra में गड़बड़ियां हुईं और अब बिहार में भी वही करने की कोशिश की जा रही है. राहुल गांधी ने जो प्रश्न उठाए हैं, वह उचित हैं. अगर चुनाव आयोग Government की मदद करता नजर आएगा, तो लोकतंत्र के लिए यह बड़ा झटका होगा.
मंत्री संजय शिरसाट के वायरल वीडियो पर उन्होंने कहा कि कैश की गाड़ियां, नोटों से भरे बॉक्स. यह सब साफ तौर पर भ्रष्टाचार की कहानी कहता है. यह सब पैसे की राजनीति है, जो देश को बर्बाद कर देगी. Maharashtra में पहले ऐसा नहीं था, लेकिन अब यह भी आ गया है. इस पर जांच जरूरी है, और वह मंत्री पद पर रहते हुए नहीं हो सकती. उन्हें पद से हटाकर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
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डीकेएम/एएस