Maharashtra, 1 अक्टूबर . गढ़चिरौली जिले में Police और एसआरपीएफ की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मौजा कटेझरी और मर्मा जंगलों में माओवादियों द्वारा बनाए गए दो स्मारकों को नष्ट कर दिया. ये स्मारक करीब 2–3 साल पुराने थे और अतीत में माओवादी हिंसा के प्रतीक रहे हैं.
Police और एसआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान के दौरान इन स्मारकों को चिन्हित किया और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में उन्हें ध्वस्त कर दिया. इसके बाद, Police ने स्थानीय नागरिकों की मदद से स्थल पर पौधरोपण कर शांति और सुरक्षा का संदेश दिया.
इस मौके पर Police टीम ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि वो माओवादियों के बहकावे में न आएं और गांव के विकास में सहयोग करें.
Police अधीक्षक नीलोत्पल ने कहा कि गढ़चिरौली Police बल का उद्देश्य नागरिकों को माओवादियों के आतंक से मुक्त कराना है. माओवादी स्मारकों का समाज में कोई स्थान नहीं है और किसी को भी ऐसे अवैध निर्माण में भाग नहीं लेना चाहिए.
Police अधीक्षक नीलोत्पल के नेतृत्व में माओवादियों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई में एम रमेश, अतिरिक्त Police अधीक्षक (अभियान), सत्य साईं कार्तिक, अतिरिक्त Police अधीक्षक (अहेरी), गोकुल राज जी अतिरिक्त Police अधीक्षक (प्रशासन), अनिकेत हिरडे, सहायक Police अधीक्षक (धनोरा) आदि शामिल रहे.
इससे पहले 24 सितंबर को Maharashtra के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली थी. जिले में 6 माओवादियों ने Maharashtra की Police महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला के सामने आत्मसमर्पण किया था. ये सभी माओवादी लंबे समय से जंगलों में सक्रिय थे और कई हिंसक घटनाओं में शामिल थे. आत्मसमर्पण करने वालों पर Maharashtra Government की ओर से कुल 62 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था.
Police की जानकारी के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में भीमन्ना उर्फ वेंकटेश उर्फ सुखलाल मुत्त्या कुलमेथे, उनकी पत्नी विमलक्का सडमेक, इनके साथ एक कमांडर, दो प्रोटेक्शन पार्टी कमिटी मेंबर्स (पीपीसीएम), और एक एरिया कमिटी मेंबर (एसीएम) भी शामिल रहे.
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मोहित/एबीएम