महाराष्ट्र : बेमौसम बारिश से किसानों की फसल बर्बाद, सरकार का मदद का वादा

मुंबई, 12 अप्रैल . महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास विभाग ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है. राज्य के 11 जिलों में बेमौसम बारिश की वजह से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है.

ज्वार, गेहूं, आम, संतरे, केले और रबी की बुरी तरह प्रभावित फसलें 50,000 हेक्टेयर भूमि पर फैली हुई हैं.

मौसम विभाग ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की आगे भी संभावना जताई है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.

हालांकि, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि जिला प्रशासन को नुकसान हुए फसलों का आकलन करा कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने का मार्ग प्रशस्त किया जा सके.

मंत्री ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से वर्तमान में किसानों को किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान करना मुश्किल है. हालांकि, राज्य सरकार ने किसानों को आश्वस्त किया है कि उन्हें हर मुमकिन सहायता प्रदान की जाएगी.

बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन की गतिविधियां अहम हो जाती हैं. वहीं, मुख्य विपक्षी दल शिवसेना यूबीटी, एनसीपी, एसपी और कांग्रेस ने किसानों की फसलों को हुए नुकसान को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार किसानों की फसलों को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए हर मुमकिन आर्थिक सहायता प्रदान करेगी.

अकेले अमरावती जिले में 40,000 हेक्टेयर में फैले संतरे, आम, केले सहित रबी फसलों और फलों को गंभीर नुकसान हुआ. निकटवर्ती अकोला में 74 गांवों में 4,060 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैली फसलें प्रभावित हुईं.

बुलढाणा में 100 गांवों की 3,500 हेक्टेयर में फैली फसलें प्रभावित हुईं.

एनसीपी (सपा) ने किसानों के संकट पर भाजपा की आलोचना करते हुए कहा है कि पार्टी ने अब किसानों को इस बात पर बांट दिया है कि वे किस पार्टी से जुड़े हैं.

एनसीपी (एसपी) ने कहा, “बीजेपी किसानों के पास सिर्फ वोट के लिए जाती है, लेकिन इस बार ऐसे असंवेदनशील सरकार को मौका नहीं मिलेगा.”

एसएचके/