महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने बदलापुर घटना पर विरोध को लेकर की विपक्ष की आलोचना

यवतमाल, 24 अगस्त . मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को बदलापुर स्कूल में चार वर्षीय दो लड़कियों के यौन शोषण के खिलाफ काला बैज और काला झंडा लेकर मौन धरना देने के लिए विपक्ष की आलोचना की.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पालघर में साधुओं के नरसंहार, कोरोना बॉडी बैग और महामारी के दौरान खिचड़ी वितरण में भ्रष्टाचार पर विपक्ष चुप रहा.

उन्होंने दावा किया कि उनकी चुप्पी ठेकेदारों के साथ उनके संबंधों के कारण थी. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि बंद के पीछे महाराष्ट्र में कुछ अप्रिय स्थिति पैदा करने की साजिश थी.

मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना सहित राज्य सरकार की कई कल्याण और विकास योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए यवतमाल में आयोजित समारोह में अपने भाषण में कहा, ”जिनके चेहरे भ्रष्टाचार से काले हो गए हैं, उनके हाथों में काले झंडे शोभा नहीं देते. हमने सिर्फ देने का काम किया है, हम ऐसे निर्णय ले रहे हैं जो राज्य के आम लोगों के लिए अच्छा होगा.”

मुख्यमंत्री ने किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल को बंद बुलाने से रोकने के बाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बयान देने पर पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे की आलोचना की.

उन्होंने पूछा, “लोकतंत्र में आंदोलन पर रोक नहीं है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह उच्च न्यायालय के फैसले को लागू करेगी, जिसने विपक्ष द्वारा बुलाए गए बंद को अवैध करार दिया. हालांकि, वे (उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना) अदालत की आलोचना और बदनामी कर रहे हैं. अगर कोर्ट उनके पक्ष में फैसला देता है, तो व्यवस्था अच्छी है और अगर फैसला उनके खिलाफ जाता है तो व्यवस्था खराब है, क्या आपने कभी लोकतंत्र में ऐसा देखा है?”

शिंदे ने कहा क‍ि विशेष रूप से लड़की बहिन योजना के तहत पात्र महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से रिकॉर्ड समय में पैसा जमा किए जाने के बाद विरोधी पागल हो गए हैं.

उन्होंने आरोप लगाया, “विरोधी बार-बार बांग्लादेश का उदाहरण दे रहे हैं. ये महाराष्ट्र है, क्या वे बांग्लादेश जैसी अराजकता फैलाना चाहते हैं? सीएम ने कहा क‍ि बंद के पीछे महाराष्ट्र में कुछ अप्रिय स्थिति पैदा करने की साजिश है.”

उन्होंने बदलापुर यौन शोषण मामले का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष की भी आलोचना की और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने दावा किया, “सरकार का मानना ​​है कि ऐसी घटनाओं के दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए. लेकिन विपक्ष राजनीति कर रहा है. ”

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