प्रयागराज, 2 फरवरी . उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद साधु-संतों के अमृत स्नान को लेकर कई अखाड़ों के महंतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा सवाल उठाए जाने को गलत ठहराते हुए कहा कि सभी 13 अखाड़ों ने उस दिन सादगी के साथ संगम स्नान किया था.
महाराज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने वीडियो के माध्यम से कहा, “सनातन परंपरा के बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में 29 जनवरी को जो दुखद घटना हुई, उस पर सभी संतों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अगर ऐसा कहा है कि अखाड़ों ने स्नान नहीं किया तो यह एक सफेद झूठ है. दोपहर बाद दो बजे से लेकर 7.30 बजे तक सभी 13 अखाड़ों ने स्नान किया है. सभी अखाड़ों ने सादगीपूर्ण ढोल-नगाड़े और शाही जुलूस के बिना पैदल जाकर स्नान किया. ऐसे में अगर इसको लेकर भ्रांति फैलाई जाती है, तो मैं इसका खंडन करता हूं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मैं आश्वस्त करता हूं कि हम उनके साथ हैं और रहेंगे. वसंत पंचमी पर भी श्रद्धा के साथ हम स्नान करेंगे.”
उदासीन बड़ा अखाड़ा से वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद ने कहा, “मौनी अमावस्या के दिन सभी 13 अखाड़ों, महामंडलेश्वरों और महंतों ने सादगी पूर्वक संगम पर सर्वप्रथम अपने इष्टदेव को स्नान कराया और उसके बाद स्वयं स्नान किया. अखिलेश यादव एक बहुत बड़ा भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और इसको लेकर सनातनियों में बहुत आक्रोश है. महाकुंभ हादसे में जिनकी मृत्यु हुई, उनके लिए हमने प्रार्थना और संवेदना व्यक्त की है.”
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, “महाकुंभ के पावन पर्व को लेकर राजनीतिक लोग जो कह रहे हैं, वह बहुत दुखद है. सभी 13 अखाड़े और संत सीएम योगी के साथ हैं. विपक्ष ने हादसे पर जो राजनीति करने का काम किया है, वह क्षमा योग्य नहीं है. जहां तक स्नान की बात है, तो सभी 13 अखाड़ों ने महाकुंभ में शाही स्नान किया है.”
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एससीएच/एकेजे