नई दिल्ली, 30 दिसंबर . दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने दिल्ली के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों की मासिक सम्मान राशि को लेकर एक नई योजना का ऐलान किया. योजना के तहत दिल्ली में मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपये दिए जाएंगे. बिरला मंदिर के महंत शांति प्रसाद डबराल और हेमंत कुमार लाटा ने केजरीवाल के इस ऐलान का स्वागत किया है.
महंत शांति प्रसाद डबराल ने से कहा, “मुझे बहुत खुशी हो रही है कि अरविंद केजरीवाल ने पुजारियों और अर्चकों के लिए इस सम्मान राशि की घोषणा की है. हम अक्सर सुनते थे कि मस्जिदों में इस तरह की मदद मिलती है, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने यह घोषणा की है तो यह एक बड़ा कदम है. मैं चाहता हूं कि यह योजना हर मंदिर और हर पुजारी तक पहुंचे. अगर ऐसा हुआ तो यह हमारे लिए एक बहुत अच्छा निर्णय होगा और इसके जरिए सरकार ने हमें महसूस कराया है कि वह हमारे बारे में सोच रही है.”
उन्होंने कहा कि यह कदम बिल्कुल सही दिशा में है और इससे पुजारियों को एक सम्मान मिलेगा. हमें उम्मीद है कि यह घोषणा जल्द ही लागू होगी और इससे हमारे जीवन में बदलाव आएगा.
महंत हेमंत कुमार लाटा ने भी अरविंद केजरीवाल की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि केजरीवाल ने सभी पुजारियों के लिए 18,000 रुपये प्रति माह देने की बात की है, इससे हमें बहुत खुशी है. यह एक अच्छा कदम है और सभी पुजारियों के लिए लाभकारी होगा. हम उनके अच्छे विचारों और प्रयासों के लिए उनका धन्यवाद करते हैं.
उन्होंने कहा कि अब यह देखना होगा कि यह योजना सचमुच लागू होती है या नहीं, क्योंकि चुनावों के दौरान अक्सर इस तरह की घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन कुछ समय बाद इन्हें लागू नहीं किया जाता. इसलिए, हम फिलहाल इसे एक अच्छा विचार मान रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि यह योजना सचमुच लागू होगी.
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि यह योजना उन लोगों के लिए है, जिनका समाज में सबसे बड़ा योगदान रहता है, लेकिन आज तक समाज में उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया. किसी भी पार्टी और किसी सरकार ने भी उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि चाहे खुशी का मौका हो या गम का. चाहे घर में शादी हो, बच्चे का जन्मदिन हो या फिर किसी की मौत हो जाए, पुजारी हमारे साथ हमेशा खड़ा होता है. उन्होंने कहा कि पुजारी ने हमारी परंपराओं को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया है. लेकिन इसने कभी अपने परिवार की तरफ ध्यान नहीं दिया और हम लोगों ने भी उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हम मंदिरों में पूजा पाठ करने जाते हैं, लेकिन हमने कभी उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया.
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पीएसके/एकेजे