राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के निधन पर महंत कमल नयन दास और महंत बालक देवाचार्य महाराज ने जताया दुख

लखनऊ, 12 फरवरी . महंत कमल नयन दास और जगतगुरु महंत बालक देवाचार्य महाराज ने अयोध्या स्थित राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर दुख जताया है. दोनों महंतों ने कहा कि जिस तरह से सत्येंद्र दास ने भगवान राम की सेवा की, वो अपने आप में अविस्मरणीय है.

महंत कमल नयन दास ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर से बातचीत के दौरान दुख जताया. उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है, लेकिन विषम परिस्थितियों के बावजूद भगवान भगवान राम की सेवा निरंतर होती रही. लगभग 35 वर्षों तक उन्होंने भगवान की सेवा की और वह भी बहुत मनोयोग और खुशी के साथ. इस सेवा का फल यह हुआ कि भगवान का मंदिर सुरक्षित रहा और अब वह मंदिर स्थिरता और विजय के साथ खड़ा है.

उन्होंने कहा कि महापुरुषों की जीवन यात्रा हमेशा भगवान के चिंतन से जुड़ी रहती है. भगवान के चिंतन से उनकी आत्मा की यात्रा अंधकार से निकल कर प्रकाश की ओर होती है. महापुरुषों के प्राण कभी समाप्त नहीं होते, वे हमेशा भगवान की सेवा करते रहते हैं.

जगतगुरु महंत बालक देवाचार्य महाराज ने भी सत्येंद्र दास के निधन पर दुख जताया. उन्होंने से बातचीत में कहा कि उनकी सेवा भावना और भगवान श्री राम के प्रति न‍िष्‍ठा अद्भत थी. उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में जो योगदान दिया, वह महत्वपूर्ण था. जब भगवान राम हमारे पंडाल में थे, तब भी उनकी निष्ठा लगातार बनी रही. वह आंदोलन से जुड़े रहे और राम मंदिर के निर्माण तक उनका योगदान निरंतर रहा.

उन्होंने कहा कि उनकी कीर्ति को संजोकर रखना हम सबका कर्तव्य है. उनका न‍िधन संत समाज के लिए यह एक बड़ी क्षति है, क्योंकि ऐसे संत जो निष्ठा पूर्वक भगवान से जुड़े रहते हैं, उनकी कोई भी बात विवादित नहीं होती. उनका जीवन केवल भगवान से जुड़ा रहता है.

उन्होंने कहा कि आज वह हमारे बीच शरीर में नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और उनके संदेश हमारे बीच हमेशा जीवित रहेंगे. उनके पदचिह्नों पर चलने की कोशिश हम सबको करनी चाहिए. उन्होंने जो कार्य राम मंदिर के लिए किया, वह अद्भुत और कल्पनातीत था. उनकी कीर्ति को हमेशा याद रखना हम सभी का कर्तव्य है.

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