लखनऊ/नई दिल्ली, 22 जनवरी . गणतंत्र दिवस परेड पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर निकलने वाली झांकी इस बार ‘महाकुंभ’ पर होगी. उत्तर प्रदेश की झांकी भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित “महाकुंभ 2025 – स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास को प्रदर्शित करेगी. यह झांकी प्रयागराज में पवित्र गंगा, अविरल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर हो रहे महाकुंभ के दिव्य स्वरूप को दर्शाएगी, जो पृथ्वी पर मानवता का सबसे बड़ा समागम है.
2025 का सबसे महत्वपूर्ण आयोजन महाकुंभ अध्यात्म, धरोहर, विकास और डिजिटल प्रगति का संगम है. इस झांकी के केंद्र में भी यही है.
ट्रैक्टर के आगे ‘अमृत कलश’ की आगे झुकी हुई भव्य प्रतिकृति दर्शाई गई है, जिससे अमृत धारा प्रवाहित हो रही है. साथ ही शंखनाद, आचमन और साधना करते साधु-संत और संगम में डुबकी लगाते श्रद्धालु महाकुंभ की आध्यात्मिक ऊर्जा को जीवंत कर रहे हैं.
योगी सरकार के नेतृत्व में हो रहे अभूतपूर्व आयोजन का दीदार देश-विदेश से आए आगंतुक भी करेंगे. ट्रेलर के पैनल पर अमृत (शाही) स्नान के लिए जाते अखाड़ों और श्रद्धालुओं को म्यूरल एवं एलईडी स्क्रीन से दर्शाई जाएगी.
ट्रेलर के प्लेटफॉर्म पर समुद्र मंथन की पौराणिक कथा को चित्रित किया जाएगा, जो महाकुंभ के महत्व और इसकी ऐतिहासिकता को रेखांकित करती है. इसके पिछले हिस्से में समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों को दर्शाया गया है. इसमें हलाहल विष, कामधेनु, उच्चै श्रवा घोड़ा, ऐरावत हाथी, कौस्तुभ मणि, कल्पद्रुम, रंभा अप्सरा, लक्ष्मी, वारुणी, चंद्रमा, पारिजात वृक्ष, शंख, धन्वंतरि, अमृत शामिल हैं.
झांकी के माध्यम से ‘महाकुंभ 2025’ के आयोजन में अपनाई जा रही टेक्नोलॉजी, प्रबंधन और डिजिटलीकरण को भी दर्शाया जाएगा. इसके लिए हाईटेक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को प्रमुखता से दिखाया गया है, जो सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट का उत्कृष्ट उदाहरण है. इसके साथ ही एलईडी के माध्यम से महाकुंभ पर्व स्नान को जाते अखाड़ों के जुलूस को प्रसारित किया जा रहा है.
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