महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान पर्व के साथ महाकुंभ होगा संपन्न

महाकुंभ नगर, 25 फरवरी . प्रयागराज में महाकुंभ-2025 अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है, जहां करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था, अखाड़ों की दिव्यता और संतों के आशीर्वाद ने इसे ऐतिहासिक बना दिया. बुधवार को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अंतिम स्नान पर्व के साथ महाकुंभ संपन्न हो जाएगा. 13 जनवरी से शुरू महाकुंभ में 63 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ-2025 के प्रमुख स्नान पर्व महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों एवं महाकुंभ में स्नान के लिए पधारे पूज्य संत-महात्माओं एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी.

उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि का पावन पर्व लोक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होने की प्रेरणा देता है. देवों के देव महादेव जनमानस में सर्वमान्य रूप से पूजे जाते हैं. पर्व व त्योहार हमारी परंपरा और राष्ट्रीयता को सुदृढ़ करने के प्रेरणास्पद अवसर हैं. भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित ज्योतिर्लिंग राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं.

अगर महाकुंभ की बात करें तो मंगलवार की रात 8 बजे तक 1.24 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की विराट झांकी, ‘अनेकता में एकता’ के महापर्व महाकुंभ-2025, प्रयागराज में आज 1.24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. एकता के इस ‘महायज्ञ’ में आज पवित्र स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त करने वाले सभी पूज्य साधु-संतों और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन!’

वहीं, जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने महाकुंभ को भारत की सनातन संस्कृति और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह आयोजन विश्व में अनूठा है. इस अद्भुत आयोजन को सफल बनाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी.

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने महाकुंभ-2025 के समापन पर कहा, “महाकुंभ हमारी दिव्यताओं का प्रतीक है. हमारी संस्कृति तब से चली आ रही है, जब से अंबर, अग्नि, जल, वायु और मानव अस्तित्व में आए.”

उन्होंने बताया कि महाकुंभ के सभी धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद वे काशी पहुंच चुके हैं. महाशिवरात्रि के ‘पूजन’ के साथ महाकुंभ की परंपराएं विधिवत संपन्न हो जाएंगी. हमने यहां एकता और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम देखा. पूरा विश्व यह देखकर चकित है कि कैसे करोड़ों भारतीय एकजुट हुए.

उन्होंने आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “यूनेस्को ने इसे अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी है. 60-62 करोड़ लोगों का एक ही शहर में आना, यह अपने आप में एक अनोखी घटना रही. महाकुंभ बिना किसी अव्यवस्था के संपन्न हुआ, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं. उनकी दूरदर्शिता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन पूरी तरह सफल रहा.

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