महाकुंभ नगर, 9 जनवरी . दिव्य और भव्य महाकुंभ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं. इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है. 2,700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुंभ नगर में लगाए गए हैं. वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे.
मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं. सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है. यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा.
पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं. वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके. हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं. सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो. पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं.
महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटकों के आने की संभावना है. ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है. मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं. प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं.
अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं. यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं.
अत्याधुनिक तकनीक से लैस महाकुंभ की सुरक्षा –
– 2,750 एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 वीएमडी स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं.
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं.
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं.
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
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एसके/एबीएम