महाकुंभ : मौनी अमावस्या पर प्रशासन की अपील, बताया- ‘क्या करें और क्या नहीं’

महाकुंभ नगर, 28 जनवरी . महाकुंभ में मौनी अमावस्या के पवित्र अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए मेला प्रशासन ने खास तैयारी की है. श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है. इसके अलावा आपात स्थिति में मेला पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और स्पेशल डॉक्टरों की टीम श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 24 घंटे तैनात की गई है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुंभ नगर राजेश द्विवेदी ने बताया कि दूसरे अमृत स्नान मौनी अमावस्या को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं. खासकर श्रद्धालुओं को जागरूक किया जा रहा है कि वो सजग रहें और किसी तरह की अफवाह में न फंसें. व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का सहयोग करें और किसी भी तरह की समस्या में पुलिस का सहयोग लें. पुलिस और प्रशासन श्रद्धालुओं की मदद के लिए 24 घंटे उपलब्ध हैं.

क्या करना है :-

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संगम घाट पहुंचने के लिए अलग-अलग लेन से ही जाएं.

गंगा स्नान के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें.

आने वाले श्रद्धालु स्नान और दर्शन करने के बाद सीधे पार्किंग की ओर जाएं.

मंदिरों में दर्शन के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें, वहां से अपने गंतव्य स्थान के लिए प्रस्थान करें.

जरूरत पड़ने पर पुलिस का सहयोग लें, पुलिस आपकी मदद के लिए है.

ट्रैफिक पुलिस भी आपकी मदद के लिए तत्पर है.

स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर नजदीकी सेक्टर में बने हॉस्पिटल में जांच कराएं.

बैरिकेडिंग और पांटून पुलों पर धैर्य बनाए रखें, जल्दबाजी और धक्कामुक्की से बचें.

कागज, जूट या इको फ्रेंडली बर्तनों और कुल्हड़ों का ही प्रयोग करें.

सभी घाट संगम घाट हैं, जिस घाट पर पहुंच जाएं, वहीं स्नान करें.

क्या नहीं करना है :-

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श्रद्धालु कहीं एक साथ एक स्थान पर न रुकें.

किसी भी स्थिति में आने और जाने वाले श्रद्धालु आमने-सामने न पड़ें.

मेले में किसी के द्वारा फैलाई गई अफवाहों से बचें.

सोशल मीडिया पर फैलाए गए किसी भी भ्रम को सच न मानें.

मंदिरों में दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की हड़बड़ी न दिखाएं.

होल्डिंग एरिया के बजाय रास्तों पर न रुकें, किसी तरह का अवरोध न उत्पन्न करें.

व्यवस्था या सुविधा को लेकर किसी के भी बहकावे में आने से बचें.

किसी प्रकार की भ्रामक खबरों को आगे बढ़ाने से बचें.

पवित्र स्नान के लिए किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें.

प्लास्टिक की पन्नियों और बर्तनों के इस्तेमाल से बचें.

एसके/एबीएम