महाकुंभ : डिजिटल तकनीक के जरिए आसानी से पहुंच रहे श्रद्धालु, तीर्थ पुरोहितों को भी मिल रहा फायदा

प्रयागराज, 9 जनवरी . संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का 13 जनवरी से आगाज होगा. इस बार का महाकुंभ दिव्य, भव्य, स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित के साथ-साथ डिजिटल भी होने वाला है. पहली बार महाकुंभ में डिजिटल तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को काफी सुविधाजनक और सुरक्षित अनुभव मिल रहा है.

महाकुंभ में गूगल मैप्स और जीआईएस नेविगेशन के जरिए पूरे मेला क्षेत्र की ट्रैकिंग की जा रही है, जिससे किसी भी स्थान की सटीक जानकारी प्राप्त करना काफी आसान हो गया है.

तीर्थ पुरोहित अंकुश शर्मा ने डिजिटल तकनीक को महाकुंभ के साथ जोड़ने पर तारीफ की. उन्होंने से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के ‘दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ और डिजिटल कुंभ’ नारे पर चलते हुए अपने टेंट की डिजिटल मैपिंग कर दी है, जिससे श्रद्धालुओं को यहां आने में आसानी होगी. हम लोग भी पीएम मोदी के डिजिटल कुंभ के नारे को साकार करते हुए काम कर रहे हैं. इसके अलावा हमारे द्वारा दक्षिणा भी डिजिटल माध्यम से ली जा रही है.”

उन्होंने आगे कहा, “यूपी सरकार ने हमें एक बारकोड दिया है, जैसे ही कोई श्रद्धालु इस बारकोड को स्कैन करता है तो वह आसानी से हमारे टेंट तक पहुंच जाता है. इससे हम लोगों को भी सहुलियत हो रही है कि यात्रियों को बार-बार हमें फोन नहीं करना पड़ रहा है और न ही यात्री परेशान हो रहे हैं.”

तीर्थ पुरोहित शांतनु शर्मा ने कहा, “यह एक अच्छी पहल है कि अध्यात्म को विज्ञान से जोड़ा गया है. डिजिटल तकनीक के माध्यम से श्रद्धालु आसानी से हम लोग तक पहुंच पा रहे हैं. हमें और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को डिजिटल तकनीक की मदद से काफी लाभ मिला है. उनको अब भटकना नहीं पड़ रहा है और उनको बुलाने में भी आसानी हो रही है. हम लोगों को भी इसका बहुत फायदा मिला है. व्हाट्सएप या गूगल के जरिए मौजूदा लोकेशन शेयर हो जाती है. पहले कुंभ दिव्य और भव्य था, लेकिन अब डिजिटल तकनीक के जुड़ने से और भी अच्छा हो गया है.”

संगम नगरी प्रयागराज में शुरू होने जा रहे महाकुंभ में इस बार लगभग 40 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई गई है. ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई असुविधा न हो, इसका पूरा ख्याल भी रखा गया है.

महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा और इसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेने के लिए यहां आएंगे.

एफएम/एएस