प्रयागराज, 13 फरवरी . महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सेवा और आध्यात्मिक तृप्ति के लिए अदाणी ग्रुप और इस्कॉन की पहल सुर्खियों में है. अब तक 31 दिनों में 38 लाख श्रद्धालु महाप्रसाद ग्रहण कर चुके हैं, जिसमें मौनी अमावस्या के दिन महाप्रसाद ग्रहण करने वाले 3.5 लाख श्रद्धालु शामिल हैं.
इधर, महाकुंभ परिक्षेत्र में पहुंचने वाले 30 लाख श्रद्धालुओं को गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित ‘आरती संग्रह’ भी भेंट की जा चुकी है. हर बार की तरह इस बार भी महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और अदाणी ग्रुप तथा इस्कॉन की यह पहल इस ऐतिहासिक आयोजन को और भी खास बना रही है. यह सेवा न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक है, बल्कि समर्पण और निस्वार्थ सेवा की एक मिसाल भी पेश कर रही है.
महाकुंभ में अदाणी ग्रुप और इस्कॉन की साझेदारी से महाप्रसाद सेवा चलाई जा रही है, जिसमें हर दिन लगभग एक लाख श्रद्धालुओं को भोजन वितरित किया जा रहा है. इस सेवा में 18,000 से अधिक सफाईकर्मी भी योगदान दे रहे हैं. इस सेवा को संचालित करने के लिए 5,000 से अधिक स्वयंसेवक प्रतिदिन अपनी निस्वार्थ सेवा दे रहे हैं.
श्रद्धालु महाप्रसाद की गुणवत्ता और पवित्रता की लगातार प्रशंसा कर रहे हैं. आयोजन स्थल पर महाप्रसाद की व्यवस्था इतनी सुचारू रूप से की गई है कि किसी भी श्रद्धालु को किसी तरह की असुविधा नहीं हो रही है. अदाणी ग्रुप ने गीता प्रेस के सहयोग से भक्तों को एक करोड़ ‘आरती संग्रह’ की प्रतियां वितरित करने का संकल्प लिया है, जिसमें से अब तक 30 लाख प्रतियां श्रद्धालुओं को भेंट की जा चुकी हैं.
यह पहल सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और आध्यात्मिक साहित्य के प्रसार का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. महाकुंभ में संतों के प्रवचन, रामकथा, श्रीमद्भागवत कथा और अन्य धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ सेवा कार्यों को भी विशेष महत्व दिया गया है. अदाणी ग्रुप द्वारा की गई महाप्रसाद सेवा और ‘आरती संग्रह’ वितरण ने श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी दिव्य बना दिया है.
इस्कॉन द्वारा गीता सार की पांच लाख प्रतियां श्रद्धालुओं के बीच बांटने की भी योजना बनाई गई है, जिसमें अब तक 3 लाख प्रतियां वितरित की जा चुकी हैं. इसके अलावा, दिव्यांग, बुजुर्ग और छोटे बच्चों के साथ आने वाली माताओं के लिए गोल्फ कार्ट जैसी विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं.
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विकेटी/एएस