महाकुंभ नगर, 16 जनवरी . उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों के लिए महाकुंभ एक सुनहरा अवसर साबित हो रहा है. प्रयागराज में संगम पर आयोजित इस महायोगिक उत्सव में 6,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) की शानदार प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. यहां कालीन, जरी-जरदोजी, फिरोजाबाद के कांच के खिलौने, बनारस के लकड़ी के खिलौने और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
प्रयागराज मंडल के संयुक्त आयुक्त उद्योग, शरद टंडन ने बताया कि 2019 में महाकुंभ से 4.30 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, जबकि इस बार 35 करोड़ रुपये तक के कारोबार की संभावना है. इससे रोजगार और छोटे उद्यमियों को नई दिशा मिलेगी. व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.
महाकुंभ में फ्लिपकार्ट ने भी स्टॉल लगाया है. यहां उद्यमियों को उत्पाद मुफ्त में बेचने का मौका मिल रहा है. फ्लिपकार्ट के स्टॉल पर खरीदारी करने और देखने वालों की भारी भीड़ देखी जा रही है. काशी के शिल्पकारों ने लकड़ी के खिलौने, बनारसी ब्रोकेड, मेटल रिपोज, मेटल कास्टिंग जैसे 75 उत्पाद प्रदर्शनी में पेश किए हैं.
जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 75 जीआई उत्पादों को ओडीओपी योजना के तहत प्रदर्शित किया जा रहा है. इनमें वाराणसी की लाल मिर्च, बनारसी साड़ी, सुर्खा अमरूद, प्रतापगढ़ का आंवला, मिर्जापुर के पीतल बर्तन और गोरखपुर का टेराकोटा शामिल हैं.
कुशीनगर के कालीन और फिरोजाबाद के कांच के खिलौने और बर्तन भी प्रदर्शनी का आकर्षण बने हुए हैं. डॉ. रजनीकांत ने बताया कि 75 जीआई उत्पादों में से 34 काशी क्षेत्र से हैं. उन्होंने इन उत्पादों को पहचान और सुरक्षा देने के लिए जीआई टैग दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके साथ ही, बनारस की ठंडाई, लाल पेड़ा, बनारसी तबला और भित्ति चित्र जैसी विशिष्ट कृतियों को भी दुनिया के सामने लाने की कोशिश हो रही है.
उत्तर प्रदेश एमएसएमई विभाग और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में ओडीओपी योजना का यह आयोजन राज्य के हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने का एक अभूतपूर्व प्रयास है. महाकुंभ 2025 न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत कर रहा है, बल्कि उद्यमियों के लिए व्यापार का एक विशाल मंच भी बन गया है. जहां देश-विदेश के लोग आकर हस्तशिल्पियों के उत्पादों को पसंद कर रहे हैं और खरीदारी भी कर रहे हैं.
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एसके/एबीएम