प्रयागराज, 7 नवंबर . अगले साल महाकुंभ के लिए यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जमीनी स्तर पर इंतजाम शुरू कर दिए हैं. इसी क्रम में प्रयागराज के लोगों को अपने मकान में पेइंग गेस्ट सुविधा शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को घर जैसा माहौल मिल सके. इसकी शुरुआत भी हो गई है.
पर्यटन विभाग के माध्यम से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग अपना रजिस्ट्रेशन कराकर गुड बिहेवियर, बेस्ट क्लीनिंग और हॉस्पिटैलिटी की ट्रेनिंग ले रहे हैं. अधिक से अधिक लोगों को इस व्यवस्था से जोड़ने के लिए टोल फ्री नंबर और व्हाट्सएप नंबर भी जारी कर दिया गया है. इस व्यवस्था से न सिर्फ श्रद्धालुओं को महंगे होटल्स की बजाय पेइंग गेस्ट की बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को आय का साधन मिलेगा.
योगी सरकार के निर्देश पर दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम को अविस्मरणीय बनाने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी जा रही है. यहां देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की मेहमान नवाजी सरकार की प्राथमिकताओं में काफी ऊपर है.
सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इसमें स्थानीय प्रशासन के साथ लोगों को भी भागीदार बनाने की पहल की जा रही है. पर्यटन विभाग ने फिलहाल दो हजार मकानों में पेइंग गेस्ट सुविधा शुरू करने का लक्ष्य रखा है जहां श्रद्धालुओं को रहने और खाने की सुविधा मिलेगी. जरूरत के हिसाब से इसकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है.
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि इस योजना से जुड़ने की प्रक्रिया काफी आसान है. ऐसे स्थानीय लोगों को, जिनके पास खुद का मकान है, इससे जुड़ने के लिए महज 50 रुपये का एक चालान फॉर्म भरकर क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय में जमा करना होगा. इसमें कमरों की तस्वीरें और नगर निगम को दिए जाने वाले टैक्स की रसीद लगानी होगी. इसके बाद पर्यटन विभाग की तरफ से वेरिफिकेशन की एक सामान्य प्रक्रिया पूरी करनी होगी.
वेरिफिकेशन के बाद पर्यटन विभाग की ओर से लाइसेंस जारी किया जाएगा, जिसके बाद मकान मालिक पेइंग गेस्ट सुविधा प्रदान करने में सक्षम होंगे. जिन मकानों को लाइसेंस जारी किया जाएगा, उनकी सूची मेला प्रशासन की वेबसाइट और एप पर भी होगी. वहां से भी पर्यटक और श्रद्धालु पेइंग गेस्ट सुविधा के लिए संपर्क कर पाएंगे.
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी के अनुसार, जारी लाइसेंस तीन साल के लिए मान्य होगा. इसके तहत कम से कम दो और अधिकतम पांच कमरे का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. लाइसेंस पाने वालों को पर्यटन विभाग की ओर से स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जा रही है. उन्हें श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ अच्छे बर्ताव, उनकी सुविधा का हर तरह से ध्यान रखने के लिए बारीक से बारीक बातें सिखाई जा रही हैं. इसमें मार्केटिंग के साथ सूचना, समस्या समाधान, बेहतर सर्विस, इंटीरियर डेकोरेशन के साथ मेंटेनेंस का ख्याल रखना भी शामिल है. इसके अलावा सिक्योरिटी और भोजन के बेहतर इंतजाम के साथ ही हाइजीन का विशेष ध्यान रखने के विषय में भी गाइड किया जा रहा है.
योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार की कोई सालाना फीस या टैक्स भरने की बाध्यता नहीं है. होटल के नॉर्म्स और एनओसी के झंझट में भी नहीं पड़ना होगा. इसमें सिर्फ लैंड डॉक्युमेंट्स और एफिडेविट लगाकर लाइसेंस प्राप्त किया जा सकेगा. सुविधा प्रदान करने का किराया भी मकान मालिक द्वारा ही निर्धारित किया जाएगा. इसमें पर्यटन विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने बताया कि अब तक 50 मकानों का रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है. काफी फाइलें प्रोसेस में हैं. अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर – 05322408873 और व्हाट्सएप नंबर – 9140398639 पर जानकारी ली जा सकती है.
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एबीएम/एकेजे