महाकुंभ 2025 : राजमहलों को मात देते वीआईपी कैंप बढ़ाएंगे आयोजन की शोभा

प्रयागराज, 26 नवंबर . महाकुंभ को लेकर योगी सरकार के निर्देश पर देश-दुनिया के संतों और श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज में अभूतपूर्व इंतजाम किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इस बार के महाकुंभ को दिव्य, नव्य और भव्य बनाने में अधिकारी रात-दिन जुटे हुए हैं.

जैसे-जैसे महाकुंभ की पवित्र घड़ी नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे मेला अपना आकार लेता जा रहा है. मेला क्षेत्र में 7 अखाड़ों का घेरा बनाकर तैयार किया जा चुका है. साथ ही 9 थाने और 5 चौकियों के निर्माण का काम अपने अंतिम चरण में है.

इसके अलावा 9 ऐसे वीआईपी कैंप भी बनाए जा रहे हैं, जो बड़े-बड़े राजमहलों को मात दे दें. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ये कैंप आकर्षण का केंद्र होंगे. इनमें 14/28 फीट के आकर्षक कमरे बनाए जा रहे हैं, जिनमें जरुरत के हर इंतजाम मौजूद रहेंगे.

संत महात्मा के साथ ही देश-विदेश के 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के महाकुंभ में पहुंचने का अनुमान है. मुख्यमंत्री योगी चाहते हैं कि इस बार के महाकुंभ को सांस्कृतिक दृष्टि से अविस्मरणीय बनाया जाए.

सीएम योगी के निर्देश पर अधिकारी दिन-रात मौके पर खुद खड़े होकर काम करवाते देखे जा सकते हैं. सबसे खास बात यह है कि श्रद्धालुओं को मेले के प्रवेश द्वार पर ही अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे. यहां जगह-जगह 100 फीट लंबे प्रवेश द्वार बनाए जाने की योजना है, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत का जीवंत दृश्य प्रस्तुत करेंगे.

इसके साथ ही वीआईपी कैंप को महाराजा टेंट की स्टाइल में बनाया जा रहा, जो पर्यटकों के लिए अच्छा खासा आकर्षण बनने जा रहा है. अरैल में काम सबसे तेज गति से चल रहा है. इसके अलावा सर्किट हाउस के काम ने भी गति पकड़ ली है. यहां तीन थाने अरैल में बनाए जा चुके हैं.

झूंसी की पुलिस लाइन का भी काम दिन-रात चल रहा है. बहुत जल्द इनका काम पूरा होते ही समुद्रकूप से लेकर साधु कुटी तक विभिन्न सेक्टरों में मेला क्षेत्र जगमगा उठेगा.

देश-विदेश से आने वाले संतों और श्रद्धालुओं के लिए कैंप बनाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. यहां पर जो कैंप बनाए जा रहे हैं, उनमें स्टील के फ्रेम और लोहे की पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है. पूरा फोकस कैंप की साज-सज्जा के साथ ही इसके बेस को मजबूत बनाने पर है. श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

एसके/एबीएम