शिक्षा के बजाय इस्लाम को बढ़ावा दे रहे हैं मदरसे : भाजपा

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर . राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की मदरसा फंड रोकने की सिफारिश पर टिप्पणी करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने सुझाव का स्वागत किया और कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के बजाय मदरसे इस्लाम को बढ़ावा दे रहे हैं.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, “शिक्षा के अधिकार के तहत किसी भी बच्चे को जबरन दूसरे धर्म के बारे में नहीं पढ़ाया जा सकता. मदरसों में दूसरे धर्म के बच्चों पर इस्लामी ज्ञान थोपा जा रहा है. शिक्षा को बढ़ावा देने के बजाय मदरसे इस्लाम को बढ़ावा दे रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और मदरसों की फंडिंग को उसी हिसाब से नियंत्रित करेगी.”

एनसीपीसीआर ने सिफारिश की है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश मदरसा बोर्डों को वित्त पोषण देना बंद कर दें और अंततः उन्हें बंद कर दें.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को संबोधित करते हुए एक पत्र के जरिए एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने यह भी सलाह दी कि वर्तमान में मदरसों में नामांकित गैर-मुस्लिम बच्चों को शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 के अनुरूप मुख्यधारा के स्कूलों में भेजा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, “हरियाणा चुनावों ने दिखा दिया है कि भाजपा दलितों की कितनी परवाह करती है. हमने लगातार पिछड़ी जातियों और दलितों के लिए चिंता दिखाई है. हरियाणा में हमारे पास पिछड़ी जाति से एक मुख्यमंत्री है, जो साबित करता है कि दलित और पिछड़ी जातियां दोनों भाजपा के साथ मजबूती से खड़ी है.”

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कि भारत प्रगति कर रहा है, लेकिन दुनिया में ऐसी ताकतें हैं जो नहीं चाहती कि यह आगे बढ़े. आर.पी. सिंह ने कहा, “मोहन भागवत ने समाज, राजनीति और राष्ट्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बात की. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे राष्ट्र विरोधी ताकतें नहीं चाहतीं कि भारत प्रगति करे और हमारे देश के भीतर भ्रम पैदा करने की कोशिश करेंगी.”

भाजपा नेता ने कहा, “कुछ राजनीतिक दल उनसे हाथ मिला भी सकते हैं. हमें उम्मीद है कि आरएसएस प्रमुख के भाषण के बाद समाज जागेगा और एकजुट रहेगा तथा हमें बांटने की घरेलू और विदेशी ताकतों की कोशिशों का विरोध करेगा.”

आरके/जीकेटी