मद्रास हाईकोर्ट को बताया गया, जिन स्ट्रॉन्ग रूम में ईवीएम रखी गई हैं, वहां अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगे हैं

चेन्नई, 8 मई . तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को उन स्ट्रॉन्ग रूम में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया है, जहां राज्य में चुनाव के लिए 19 अप्रैल को इस्तेमाल की गईं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) रखी गई हैं.

भारत निर्वाचन आयोग के स्थायी वकील निरंजन राजगोपालन न्यायमूर्ति ए.डी. जगदीश चंदीरा और न्यायमूर्ति आर. कलाईमथी की ग्रीष्मकालीन अवकाश पीठ के समक्ष पेश हुए. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरों के साथ एक समर्पित लाइन, स्विच, राउटर और एक टीवी स्क्रीन होगी, ताकि राजनीतिक पार्टियों के एजेंट फुटेज देख सकें.

चुनाव आयोग डीएमएसके के एम.एल.रवि द्वारा दायर एक रिट याचिका का जवाब दे रहा था. रवि जानना चाहते थे कि एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति इस बात की जांच करे कि स्ट्रॉन्ग रूम में गड़बड़ी क्यों हुई थी.

याचिकाकर्ता ने कहा कि स्ट्रांग रूम में कुछ सीसीटीवी कैमरों ने अचानक काम करना बंद कर दिया था. ऐसे में गड़बड़ी हो सकती थी. हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा कि तकनीकी, इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक कारणों से अन्य कैमरे खराब होने पर भी अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे काम करते रहेंगे.

नीलगिरि और तेनकासी निर्वाचन क्षेत्रों में खराब सीसीटीवी कैमरों की शिकायतें सामने आने के बाद 2 मई को अतिरिक्त कैमरे लगाने के निर्देश जारी किए गए थे.

राज्य के सीईओ का जवाब सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले का निपटारा कर दिया.

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