मध्य प्रदेश के परिवहन घोटाले की हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में हो जांच : दिग्विजय सिंह

भोपाल, 24 दिसंबर . मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के करोड़ों की संपत्ति का मालिक होने का खुलासा होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से परिवहन घोटाले की हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने की मांग की है.

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्र में लिखा कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गत दिवस उजागर हुए ट्रांसपोर्ट घोटाले में करोड़ों रुपये की जब्ती विभाग के एक पूर्व सिपाही के पास से की गई है. यह आपके उस वायदे के खिलाफ है, जिसमें आप भ्रष्टाचार के विरुद्ध ‘‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’’ जैसी बातें अक्सर हर बड़े मंच से करते हैं. मध्य प्रदेश में पकड़ाए इस ‘‘परिवहन घोटाले कांड’’ की गूंज पूरे देश में हो रही है. लगभग 20 वर्षो से भारतीय जनता पार्टी शासित मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में काम करने वाले पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के यहां 19 दिसंबर को 3 करोड़ रुपये नकद और 200 किलो चांदी की सिल्ली के साथ बेनामी संपत्तियों के अनेक दस्तावेज मिले हैं. इसी व्यक्ति के साथी के पास जब्त कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ नकद मिले हैं. यह भी जानकारी मिली है कि आयकर विभाग ने एक ऐसी डायरी जब्त की है, जिसमें अधिकारी, नेता और व्यापारियों के नाम हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों में चर्चा है कि पूर्व परिवहन मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री के यहां परिवहन घोटाले का कितना माल पहुंचा होगा. सौरभ शर्मा नाम के जिस पूर्व आरक्षक पर इस करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है. उसे सागर निवासी पूर्व परिवहन मंत्री का सीधा संरक्षण प्राप्त था. सौरभ शर्मा पूर्व परिवहन मंत्री के परिवार के सदस्य की तरह बंगले पर बैठता था, जहां संजय श्रीवास्तव के साथ बैठकर पूरे प्रदेश में परिवहन विभाग के करोड़ों रुपये के लेन-देन का हिसाब-किताब रखता था.

उन्होंने आगे लिखा कि परिवहन घोटाले की जांच मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में कराई जाए. जांच में प्राप्त बेनामी संपत्तियां कुर्क की जाए और धनराशि शासकीय खजाने में जमा की जाए. जांच का दायरा बढ़ाया जाए और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए.

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