भोपाल, 12 जुलाई . मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार का खास जोर शिक्षा व्यवस्था पर है. स्कूली शिक्षा से लेकर महाविद्यालयीन शिक्षा में सुधार लाने के प्रयास जारी हैं. वहीं दूसरी ओर निजी विद्यालयों में होने वाली लूट पर भी अंकुश लगाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
राज्य में सरकारी से लेकर निजी स्कूलों तक की शिक्षा व्यवस्था हमेशा सवालों के घेरे में रहती है. वहीं महाविद्यालय की पढ़ाई लिखाई हमेशा सरकार के लिए चिंता का सबब रही है. सीएम मोहन यादव, शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं और शिक्षा उनका पसंदीदा विषय भी माना जाता है.
राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभालने के बाद मोहन यादव का खास जोर शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने पर है. वह स्कूल और कॉलेज की शिक्षा में बदलाव तथा सुधार लाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. राज्य सरकार निजी विद्यालयों में होने वाली लूट पर भी रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठा रही है.
कई विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और जिन निजी विद्यालयों ने छात्रों से पुस्तक और फीस के नाम पर मनमानी वसूली की है, उन पर जुर्माना लगाने के अलावा प्रभावितों को रकम भी लौटाई जा रही है.
एक तरफ जहां स्कूली शिक्षा में सुधार के प्रयास हैं, वहीं राज्य सरकार 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत करने जा रही है. ये सभी महाविद्यालय 14 जुलाई को एक साथ शुरू होंगे और देश के गृहमंत्री अमित शाह इनका शुभारंभ करेंगे.
जानकारों का मानना है कि राज्य की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है. बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है और एक शिक्षक वाले विद्यालयों की भी संख्या कम नहीं है. इसके अलावा उच्च शिक्षा का भी हाल ठीक नहीं है.
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में ड्रेस कोड लागू करने की बात हो रही है.
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एसएनपी/एफजेड