भोपाल, 7 अप्रैल . मध्य प्रदेश सरकार 13 अप्रैल को भोपाल में राज्य स्तरीय सहकारी दुग्ध उत्पादकों का ‘गोपाल सम्मेलन’ आयोजित करेगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को यह जानकारी दी. सीएम ने बताया कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी शामिल होने की संभावना है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “कार्यक्रम के दौरान एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड, संबद्ध दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है.”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दुग्ध संघों, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और एमपी राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ) के बीच सहयोग समझौते के माध्यम से किसानों और पशुपालकों के जीवन को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
सीएम यादव ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि किसानों और पशुपालकों से सीधे उचित मूल्य पर दूध खरीदा जाए. श्वेत क्रांति मिशन के तहत प्रत्येक जिले में सांची डेयरी के सहयोग से दूध कूलर, मिनी डेयरी प्लांट और चिलिंग सेंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अधिकांश गांवों में नई डेयरी सहकारी समितियां स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे दूध उत्पादक किसानों को सहकारी डेयरी कार्यक्रम से जोड़ा जा सके. मध्य प्रदेश वर्तमान में दूध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है. सहकारी समितियों का दायरा बढ़ाया जाएगा, ताकि दूध उत्पादकों को सहकारी डेयरी कार्यक्रम का पूरा लाभ मिल सके.
उन्होंने आगे कहा, “दूध प्रसंस्करण क्षमता 1.8 मिलियन लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर तीन मिलियन लीटर प्रतिदिन की जाएगी. दूध उत्पादन में वृद्धि से डेयरी उत्पादक संगठन भी मजबूत होंगे. किसानों को पारंपरिक कृषि के अलावा आय का एक महत्वपूर्ण नया स्रोत मिलेगा, जो राज्य की समग्र प्रगति में योगदान देगा.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरू में सहयोग समझौते पर 25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट (जीआईएस) के समापन दिवस पर हस्ताक्षर होने थे, लेकिन इसे रोक दिया गया.
बता दें कि मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने पहले ही समझौते को मंजूरी दे दी है, जो शुरुआती पांच साल की अवधि के लिए निर्धारित है, जिसे आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है. यह समझौता पांच साल के लिए होगा, जिसे आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है.
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