Bhopal , 5 सितंबर . Madhya Pradesh कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य Government पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. जीतू पटवारी ने Chief Minister मोहन यादव को चिट्ठी लिखकर ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा Government पर दोहरे और गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की.
उन्होंने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम मोहन यादव को लिखी चिट्ठी भी शेयर की. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने चिट्ठी में लिखा, ”Chief Minister जी, ओबीसी आरक्षण पर, धोखे पर धोखा देना बंद करें.”
उन्होंने लिखा, ”हाल ही में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर आपकी Government द्वारा अपनाए गए रुख ने मुझे और Madhya Pradesh के पूरे ओबीसी समुदाय को बेहद निराश किया है. 28 अगस्त को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आपने स्वयं ओबीसी छात्रों के लिए 13% होल्ड पदों को बहाल करने का आश्वासन दिया था. बैठक में कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने सहमति व्यक्त की थी, रिक्त पदों पर तुरंत बहाली का आग्रह भी किया था. आपने आश्वस्त किया था कि दिल्ली में एडवोकेट जनरल के साथ एक अलग बैठक में इस पर चर्चा कर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. लेकिन, दिल्ली में हुई बैठक का नतीजा बिल्कुल विपरीत रहा. ओबीसी छात्रों और उनके वकीलों की मौजूदगी में आपके एडवोकेट जनरल ने 13% होल्ड पदों को बहाल करने की बात से सीधे तौर पर इनकार कर दिया. उनका पूरा जोर सिर्फ ओबीसी आरक्षण के लिए एक विशेष अधिवक्ता नियुक्त करने पर था. यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आपकी Government की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है.”
जीतू पटवारी ने आगे लिखा, ”मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि यदि आप सच में ओबीसी समुदाय का भला चाहते हैं, तो अपने वादे पर अडिग क्यों नहीं रहते? भाजपा Government की यह ‘यू-टर्न’ लेने की आदत साफ दिखाती है कि सत्ता के अहंकार में आप लोग केवल झूठे आश्वासन देते हैं और जनता को गुमराह करते हैं. आपकी Government का यह रवैया ‘हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और’ वाली कहावत को भी चरितार्थ करता है.”
उन्होंने लिखा, ”सर्वदलीय बैठक में भी आपको आश्वस्त किया था कि हम ओबीसी समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए किसी भी हद तक समझौता करने को तैयार हैं. लेकिन, आपकी Government की नीयत पर अब संदेह हो रहा है. मैं फिर से बहुत स्पष्ट शब्दों में दोहरा रहा हूं कि 13% होल्ड आरक्षण को हटाकर ओबीसी छात्रों को नियुक्तियां दें. यह पत्र केवल मांग नहीं, बल्कि Madhya Pradesh के ओबीसी युवाओं के भविष्य और आपके द्वारा किए गए वादे की याद दिलाने की लोकतांत्रिक और संवैधानिक आवाज है. यदि इसे अनसुना किया गया, तो यह एक बड़े आंदोलन का आधार बनेगा.”
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एसके/एबीएम