भोपाल, 29 अप्रैल . मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को कर्मचारियों के हित में एक बड़ा फैसला हुआ. कैबिनेट ने तबादला नीति को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही विभागवार तबादला नीति बनाई जा सकेगी.
राज्य कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक पर सभी की नजर थी, क्योंकि पिछली बैठक के समय मुख्यमंत्री ने यह संकेत दिए थे कि तबादला नीति अगली बैठक में आएगी और एक से 30 मई तक कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले होंगे.
इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. बैठक में तबादला नीति को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही विभाग अपनी अलग तबादला नीति बना सकेंगे और स्वैच्छिक तबादले भी हो सकेंगे.
कैबिनेट की बैठक में तबादला नीति को मंजूरी देते हुए यह भी तय किया गया है कि मंत्री और प्रभारी मंत्री तबादले कर सकेंगे. कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तबादलों का प्रतिशत भी तय किया गया है.
वर्तमान में पराली जलाने की बड़ी शिकायतें आ रही हैं. इस मामले में सरकार ने सख्त निर्णय लिया है. तय किया गया है कि अगर कोई किसान पराली जलाएगा तो किसान सम्मान निधि एक साल के लिए रोक दी जाएगी और अगले साल उपज खरीदी नहीं जाएगी. इससे किसानों को नुकसान से बचना होगा.
इसके अलावा शासकीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की किस्त देने के मुख्यमंत्री के फैसले पर कैबिनेट ने अनुसमर्थन दिया है. अब कर्मचारियों को 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते के बराबर हो गया है.
राज्य सरकार का ग्रीन एनर्जी पर जोर है. सरकार ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की बिजली की मांग को ध्यान में रखते हुए प्लान तैयार किया है. चंबल में तीन हजार मेगावाट का प्लांट लगाया जाएगा.
केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) के लिए छह अधिकारियों की कमेटी बनी है. यह कमेटी कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रूप पेंशन स्कीम का प्रस्ताव तैयार करेगी.
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एसएनपी/एबीएम