नई दिल्ली, 20 मार्च . ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन शिपमेंट में साल 2024 में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. यह तेजी टेक दिग्गज एप्पल और सैमसंग के भारत से बढ़ते निर्यात के कारण हुई. गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
काउंटरपॉइंट रिसर्च की ‘मेक इन इंडिया’ सर्विस रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में देश के स्मार्टफोन निर्यात में एप्पल और सैमसंग की संयुक्त हिस्सेदारी 94 प्रतिशत रही.
दोनों ब्रांडों ने आयात पर निर्भरता कम करने और ग्लोबल सप्लाई चेन में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के देश के उद्देश्य के साथ तालमेल बिठाने के लिए भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग का काफी विस्तार किया है.
सरकार की पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना ने वैश्विक निर्माताओं को देश में अपनी उत्पादन सुविधाएं स्थापित करने या उनका विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया है. इन सबके परिणामस्वरूप स्थानीय विनिर्माण में वृद्धि हुई है.
वरिष्ठ शोध विश्लेषक प्राचिर सिंह ने कहा, “भारत अपने विशाल स्थानीय बाजार, किफायती श्रम लागत और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ाने पर केंद्रित सरकार की अनुकूल योजनाओं के कारण खुद को एक बेहतरीन विनिर्माण गंतव्य (मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन) के रूप में प्रस्तुत करता है.”
उन्होंने कहा कि देश में स्मार्टफोन विनिर्माण 2025 में दोहरे अंकों में बढ़ने की उम्मीद है, साथ ही स्थानीय वैल्यू एडिशन में भी वृद्धि होगी.
फॉक्सकॉन होन हाई के विनिर्माण वॉल्यूम में 2024 में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसे एप्पल का समर्थन प्राप्त है.
शोध विश्लेषक तन्वी शर्मा ने कहा, “फॉक्सकोन अपनी स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए स्मार्टफोन डिस्प्ले मॉड्यूल असेंबली स्थापित करने की योजना बना रहा है.”
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 2024 में सबसे तेजी से बढ़ने वाला निर्माता था, जिसने सालाना आधार पर 107 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जिसमें आईफोन 15 और आईफोन 16 प्रमुख वॉल्यूम योगदानकर्ता थे.
कंपनी ने अपनी आईफोन असेंबली का विस्तार किया है और गुजरात के धोलेरा में एक नए प्लांट के साथ सेमीकंडक्टर निर्माण में कदम रखा है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि ओवरऑल मोबाइल हैंडसेट सेगमेंट (स्मार्टफोन और फीचर फोन) में ‘डिक्सन’ सबसे बड़ा विनिर्माता रहा जबकि ट्रांससियन के ब्रांड और मोटोरोला के शिपमेंट के आंकड़े अच्छे रहे.
साल 2024 में सैमसंग ने देश के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में एक महत्वपूर्ण कंपनी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करना जारी रखा और निर्यात में वृद्धि के कारण सात प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की.
दूसरे स्थान पर वीवो रहा, जिसने ऑफलाइन रिटेल सेक्टर में विस्तार और अपने मार्केटिंग नेटवर्क को मजबूत करके 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अपनी शिपमेंट हिस्सेदारी बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने में सफलता पाई.
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एसकेटी/एकेजे