सरकार की पहल का असर, वैश्विक स्तर पर गूंज रहा ‘मेड-इन-इंडिया’ ब्रांड

नई दिल्ली, 18 जून . भारत सरकार लगातार घरेलू मैन्युफैक्चरिंग और मेड-इन-इंडिया पर जोर दे रही है. अब स्टील इंडस्ट्री में भी सरकार के इस प्रयासों का असर दिखने लगा है.

जानकारी के मुताबिक 80 प्रतिशत से अधिक भारतीय स्टील उत्पादकों की ओर से अपने उत्पादों पर ‘मेड-इन-इंडिया’ लेवल का उपयोग किया जा रहा है. बाकी के इस महीने के अंत तक इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे.

पिछले वर्ष नवंबर में स्टील मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से एक इनिशिएटिव शुरू किया था, जिसमें ग्लोबल मार्केट में जाने वाले भारतीय स्टील उत्पादों पर ‘मेड-इन-इंडिया’ लेवल का उपयोग किया जाना था.

इसका उद्देश्य भारतीय स्टील उत्पादों को खरीदारों के लिए आकर्षक बनाने के साथ प्रोडक्ट की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना था.

बता दें, इस इनिशिएटिव को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) की ओर से इसकी रूपरेखा तैयार की गई. स्टील मंत्रालय द्वारा इसका कार्यान्वयन शुरू किया गया.

‘मेड-इन-इंडिया’ की ब्रांडिंग के साथ क्यूआर कोड भी दिया जा रहा है. इसकी मदद से प्रोडक्ट के बारे में विस्तार से जाना जा सकता है.

स्टील मंत्रालय, सरकार का पहला मंत्रालय है जिसने इस प्रकार की ब्रांडिंग शुरू की है, जिसमें सिंगल ब्रांड के जरिए भारत में बनी स्टील को आसानी से पहचाना जा सकता है, जो कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को दर्शाता है.

‘मेड-इन-इंडिया’ ब्रांड को सभी बड़े स्टील उत्पादकों के कुछ चुनिंदा उत्पादों के लिए शुरू किया गया है.

केंद्रीय भारी उद्योग और स्टील मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने हाल ही में कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में उनके विजन को साकार करने के लिए कार्य करेंगे.

कुमारस्वामी ने आगे कहा कि उनका फोकस देश का उत्पादन बढ़ाने और रोजगार पैदा करने पर है.

एबीएस/