नई दिल्ली, 2 सितंबर . हरियाणा और महाराष्ट्र में हाल ही में हुई लिंचिंग की घटनाओं पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने गहरी चिंता व्यक्त की है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुताबिक हरियाणा और महाराष्ट्र में हाल ही में हुई लिंचिंग की घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. मंच ने इंडिया गठबंधन के नेताओं राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव के बयानों की भी निंदा की. मंच ने कहा कि इन नेताओ के कथनों में समाज को बांटने और देश का माहौल खराब करने का प्रयास देखा गया है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के विचारों को भी दोहराया. जुलाई 2021 में डॉ. मोहन भागवत ने कहा था कि हिंदू और मुस्लिम दोनों का डीएनए एक है. वे लोग जो ‘पाकिस्तान चले जाओ’ जैसे भड़काऊ बयान देते हैं या शक के आधार पर किसी की लिंचिंग करते हैं, वे सच्चे हिंदू या भारतीय नहीं हो सकते.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इंडिया गठबंधन की आलोचना की और कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए, जो देश के माहौल को खराब करें. चाहे राहुल गांधी हों या अखिलेश यादव, सभी को संयमित बयान देना चाहिए और समाज में किसी भी तरह से नफरत फैलाने से बचना चाहिए.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से इंडिया गठबंधन के नेताओं से यह भी अपील की गई है कि वे देश को बांटने और तोड़ने के प्रयासों से दूर रहें. मंच ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता और कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सभी राजनीतिक नेताओं से अपील किया जाता है कि वो संयमित रहें और देश में शांति-सद्भाव बनाए रखने में सहयोग करें.
मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार का मानना है कि ऐसी घटनाएं किसी भी समाज के लिए कलंक हैं और इनमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करना चाहिए और दूसरों के धर्म का सम्मान करना चाहिए, लेकिन धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा का कोई स्थान नहीं है.
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जीसीबी/एकेएस