New Delhi, 3 अगस्त . छोटे शहरों से निकलकर किसी भी खेल में खुद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना और सफलता पाना आसान नहीं है. किसी महिला खिलाड़ी के लिए यह सफर मुश्किल भरा होता है.
रांची की रहने वाली लवली चौबे ने ऐसा कर दिखाया और कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था.
लवली चौबे का जन्म 3 अगस्त 1980 को झारखंड की राजधानी रांची में हुआ था. वह भारत की शीर्ष लॉन बॉल खिलाड़ी हैं. वह उन खिलाड़ियों में हैं, जिन्होंने देश में लॉन बॉल को लोकप्रिय बनाया और लोगों के दिलों में इस खेल के प्रति रुचि जगाई.
लवली चौबे पहले लंबी कूद की खिलाड़ी थी और पूर्वी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती थी. ज्यादा ट्रेनिंग की वजह से उनके कूल्हों में चोट आ गई. चोट के बाद उनके लिए लंबी कूद को जारी रखना मुश्किल था. वह निराश थी. लेकिन, उन्हें निराशा छोड़ने और लॉन बॉल खेलने की सलाह क्रिकेट अंपायर मधुकांत पाठक ने दी.
इस सलाह ने लवली की जिंदगी बदल दी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें नाम कमाने का मौका मिला.
लवली ने 2008 में लॉन बॉल खेलना शुरू किया. लॉन बॉल की एक प्रतियोगिता में उन्होंने 70,000 रुपए जीते और उसके बाद ही उन्होंने इस खेल में करियर बनाने का दृढ़ निश्चय ले लिया.
लवली भारत की तरफ से 2014, 2018 और 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले चुकी हैं. उन्होंने 2022 में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पिंकी सिंह, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी तिर्की के साथ मेडल जीता था. लवली की कप्तानी वाली टीम ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल जीता था.
इससे पहले उन्होंने 2014 में एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. लवली ने 2023 में कुआलालम्पुर में हुए एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता था.
खेल से इतर लवली झारखंड पुलिस में बतौर कांस्टेबल कार्यरत हैं.
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पीएके/एबीएम