रायबरेली, 1 मार्च . उत्तर प्रदेश के रायबरेली में रमजान से पहले पुलिस ने मस्जिदों में लाउडस्पीकरों की जांच के लिए अभियान चलाया है. पुलिस ने सभी मस्जिदों में ध्वनि स्तर की जांच की. साथ ही सभी मानकों का पालन करने का निर्देश दिया.
पुलिस के क्षेत्राधिकारी अमित सिंह ने बताया कि रमजान की शुरुआत से पहले मानक के अनुसार लाउडस्पीकर की जांच का अभियान चलाया गया है. शासन से जो मानक दिए गए हैं, उसी आधार पर अनुमति दी जाती है. मानक और परमिशन के आधार पर ही कार्य होते हैं. जो इसका उल्लंघन करता है, उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई भी की जाती है.
इससे पहले स्थानीय पुलिस ने मस्जिदों में जाकर मस्जिद प्रबंधकों से लाउडस्पीकर मामले में अनुपालन करने को कहा है. प्रबंधकों ने बताया कि दो साल पहले से ही वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं. उन्होंने एक से अधिक लाउडस्पीकर नहीं लगाए हैं. सभी मस्जिदों में सरकारी मानकों का पालन किया जा रहा है.
पुलिस ने बताया कि यह जांच अभियान नियमित रूप से चलता रहता है. रमजान के कारण यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है. यदि कोई मानकों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर मामले को लेकर समय-समय पर अभियान चलता रहता है.
बीते दिनों मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा था कि चंद्र दर्शन के आधार पर मार्च से रमजान का महीना प्रारंभ हो रहा है. कई क्षेत्रों से धर्मस्थलों से अवैध लाउडस्पीकर बजाए जाने की शिकायत मिल रही है. इस पर तत्काल कार्रवाई करें. धर्मस्थल परिसर से बाहर लाउडस्पीकर की आवाज नहीं आनी चाहिए. यदि ऐसा होता है तो नोटिस दें, समन्वय से लाउडस्पीकर उतरवाएं, अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई करें.
उन्होंने कहा था कि पर्व-त्योहार में शासन/प्रशासन द्वारा सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. धार्मिक परंपरा/आस्था को सम्मान दें, किंतु अराजकता स्वीकार नहीं की जाएगी. संदिग्ध लोगों पर नजर रखें. परंपरा के विपरीत किसी नए आयोजन को अनुमति न दें. कानून-व्यवस्था की दृष्टि से यह संवेदनशील अवसर है. कतिपय शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें. संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए.
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विकेटी/एकेजे