भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे आप नेताओं की लंबी फेहरिस्त

नई दिल्ली, 22 मार्च . जिस आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार के विरोध में झंडा बुलंद किया था, जिसने जनता से भ्रष्टाचार मुक्त राजनीतिक व्यवस्था विकसित करने का वादा किया था, आज वही आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं. उसके कई नेता कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं, कई सलाखों के पीछे हैं.

आप के कई नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद पंजाब से लेकर दिल्ली तक पार्टी की प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा है. लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है.

आप के दो नेताओं की पहले से ही इस मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें संजय सिंह और मनीष सिसोदिया का नाम शामिल है.

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने दलील दी थी कि 2021-22 दिल्ली आबकारी नीति के जरिए हितधारकों को असीमित लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया. इस नीति के जरिए थोक विक्रेताओं को जहां 12 प्रतिशत, तो वहीं खुदरा विक्रेताओं को 185 फीसद मार्जिन पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप है. कथित तौर पर थोक विक्रेताओं के लाभ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 6 प्रतिशत आप नेताओं के लिए रिश्वत के रूप में आने का आरोप है.

इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया है कि साउथ ग्रुप ने विजय नायर को 100 करोड़ रुपए दिए, जो आम आदमी पार्टी के साथ संचार प्रभारी के रूप में जुड़ा हुआ था.

मई 2022 में सत्येंद्र जैन को भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया. जैन पर आरोप है कि उन्होंने हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर करवाए. जैन ने भी दिल्ली आबकारी नीति को लागू कराने में अहम भूमिका निभाई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन की याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस एम. बेला त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका को खारिज कर आप नेता को जेल अधिकारी के समक्ष समर्पण करने का निर्देश दिया.

इस बीच, एक और आप नेता अमानतुल्लाह खान भी मुश्किलों में फंसे हुए हैं. हालांकि, वो जमानत पर बाहर हैं, लेकिन वो वर्तमान में कई तरह की कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं.

दरअसल, उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वर्क्ड बोर्ड के चेयरमैन रहने के दौरान वित्तीय हेराफेरी की थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि उसके पास अमानतुल्लाह खान के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं, जिससे अब उनके राजनीतिक भविष्य पर भी ग्रहण लग चुका है.

इससे पहले मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप विधायक अमानतुल्लाह खान की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी. यह मामला ओखला में अवैध रूप से जुटाए गए 36 करोड़ से जुड़ा हुआ है.

जांच के दौरान ईडी ने सीबीआई, एसीबी और दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल की गई प्राथमिकी पर भी विचार किया. ईडी ने कहा था कि संपत्ति खान के कहने पर खरीदी गई थी और 27 करोड़ रुपये नकद लेनदेन के सबूत पेश किए गए.

इससे पहले पू्र्व पार्षद ताहिर हुसैन पर लगे आरोपों ने भी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी. दरअसल, ताहिर पर दिल्ली 2020 के दंगों को भड़काने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे. हालांकि, इस मामले में जमानत मिलने के बावजूद भी वो न्यायिक हिरासत में हैं. फिलहाल, वह कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं.

हुसैन सहित सह-आरोपी भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 120बी और 149 का सामना कर रहे हैं.

इससे पहले आप विधायक सोमनाथ भारती को भी सितंबर 2016 में एम्स के एक सिक्योरिटी गार्ड पर हमला करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में सोमनाथ भारती के खिलाफ हौज खास थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी. यह प्राथमिकी एम्स सिक्योरिटी ऑफिसर द्वारा दर्ज कराई गई थी.

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने साल 2015 में सोमनाथ भारती को गिरफ्तार किया था. दरअसल, भारती की पत्नी ने अपने पति पर मारपीट और घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी.

इससे पहले सुल्तानपुर माजरा से विधायक संदीप कुमार, जो कैजरीवाल सरकार में मंत्री थे, को भी गिरफ्तार किया गया था. उनका एक सेक्स स्कैडंल सामने आया था. जिसके बाद उनका कार्यकाल खत्म कर दिया गया. महिला ने सामने आकर उन पर रेप का आरोप लगाया था.

2016 में संगम विहार से आप विधायक दिनेश मोहनिया को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा था. उन पर एक महिला के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा, जून 2016 में 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला को थप्पड़ मारने के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी.

देवली से आप विधायक प्रकाश जारवाल जुलाई 2016 में एक महिला के साथ यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले 2014 में भी उन्हें गिरफ्तार कियाा गया था, जिस पर दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी पर थप्पड़ मारने का आरोप लगा था.

नवंबर 2022 में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के साला ओम सिंह को गिरफ्तार किया गया था. इसके साथ ही उनके दो सहयोगी को भी कैश फॉर टिकट मामले में गिरफ्तार किया गया था.

एसीबी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने नगर निगम चुनाव में आप कार्यकर्ता की पत्नी को टिकट देने के मामले में 35 लाख रुपए की रिश्वत ली.

आम आदमी पार्टी के गिरफ्तार हुए नेताओं की सूची का दायरा दिल्ली की सीमा के पार पहुंच चुका है. पंजाब में बठिंडा ग्रामीण विधायक अमित रतन कोटफत्ता की रिश्वतखोरी मामले में विजिलेंस टीम ने गिरफ्तारी की थी.

एसएचके/