बिलासपुर, 27 दिसंबर . हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में बाहरी फेरीवालों और स्थानीय दुकानदारों का मामला गहराता जा रहा है. स्थानीय दुकानदार जहां, अपने यहां फेरी लगाने से रोक रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ फेरीवालों ने पुलिस में इसकी लिखित शिकायत की है.
जम्मू-कश्मीर से संबंध रखने वाले कुछ फेरीवालों ने पुलिस में शिकायत की थी कि उनको कुछ स्थानीय दुकानदार फेरी लगाने से रोक रहे हैं, जिससे वे डरे हुए और चिंतित हैं. वहीं, दुकानदारों ने फेरीवालों के कारण हो रहे नुकसान और कम गुणवत्ता युक्त सामान बेचने पर चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि इस संदर्भ में दो साल पहले भी ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ.
इस मामले ने उस समय तूल पकड़ा, जब फेरी लगाने वाले 22 कश्मीरी शॉल विक्रेताओं ने बिलासपुर जिले के घुमारवीं थाने में पुलिस को शिकायत पत्र सौंपा था. उन्होंने सामान बेचने से रोके जाने और हिमाचल प्रदेश छोड़ने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था.
बिलासपुर डीएसपी शिव चौधरी ने दोनों पक्षों को, व्यापार मंडल के पदाधिकारी और फेरी वाले कश्मीरियों को घुमारवीं थाने में बुलाया था. इस दौरान व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने दो टूक शब्दों में कहा कि हमें फेरी वालों से कोई ऐतराज नहीं है. यह शहर में दुकान किराए पर लेकर अपना व्यापार कर सकते हैं.
व्यापारी ने बताया कि व्यापारी टैक्स अदा करके समान लाता है और जीएसटी के माध्यम से सभी तरह का भुगतान करता है. वहीं दूसरी तरफ इसके विपरीत फेरी वाले किसी तरह से भुगतान से बचते हैं.
फेरी वालों ने अपनी समस्या बताई कि पहले दिक्कत नहीं थी, लेकिन अब स्थानीय दुकानदार उनको यहां पर आने से रोक रहे हैं, वे धमकी दे रहे हैं. उनकी धमकियों से सारे फेरीवाले बहुत डरे हुए हैं और प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
डीएसपी ने दोनों पक्षों की बातें सुनने के बाद प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए यथास्थिति रखने पर सहमति बनाई और आगे पूरे मामले को एसडीएम के सामने रखा जाएगा, जहां पर इसका निपटारा होगा.
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एससीएच/एकेजे