जम्मू-कश्मीर में सीमा पर्यटन को बढ़ावा, स्थानीय लोगों ने केंद्र सरकार की सराहना की

सांबा, 13 अक्टूबर . जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में पर्यटन विभाग द्वारा सीमा पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है. कुछ साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से संघर्ष विराम लागू होने के बाद जिले के जमीनी हालात में काफी बदलाव आया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सीमा पर शांति को देखते हुए सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में प्रसिद्ध बाबा चमलियाल मंदिर का विकास किया है.

बाबा चमलियाल मंदिर कमेटी के प्रधान बिल्लू चौधरी ने से कहा कि सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम बहुत अच्छा है. इससे क्षेत्र में काफी विकास हो रहा है और लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की होमस्टे बनाने की योजना से सीमावर्ती क्षेत्र के लोग काफी खुश हैं, जिससे क्षेत्र में रोजगार के नए साधन उपलब्ध हो गए हैं.

सांबा के उपायुक्त राजेश शर्मा ने कहा कि जिले में 55 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कई स्थान हैं. खासकर चमलियाल मंदिर, 300 साल पुराना मंदिर बामू चक, बाबा बाली करण और बाबा सिद्ध गोरिया में बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है.

उन्होंने कहा कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन दोनों ही सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. चमलियाल मंदिर आने वाले पर्यटकों को ठहरने की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसके लिए होम स्टे पर जोर दिया जा रहा है.

मंदिर के पुजारी चेतन शर्मा ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में केंद्र सरकार ने जो काम किया है, उससे पर्यटन काफी बढ़ा है. यह यहां के स्थानीय लोगों के लिए बहुत अच्छा कदम है. इससे यहां के लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा. बाबा चमलियाल मंदिर तक पहुंचने के लिए जो सड़कें बनेंगी, उससे काफी फायदा होगा. कुछ साल पहले लोग यहां आने से डरते थे. ऐसा लगता था कि कहीं से फायरिंग न हो जाए. अब केंद्र सरकार ने ऐसा माहौल बनाया है कि पर्यटक भी आने लगे हैं.

उन्होंने कहा कि पहले यहां सिर्फ चर्म रोग से पीड़ित मरीज ही अपना इलाज कराने आते थे. अब यहां विदेशी भी आने लगे हैं. यहां आकर पर्यटक अंतर्राष्ट्रीय सीमा को भी देखते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि पूरे गांव में पर्यटकों के ठहरने के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है, ताकि रात में आने वाले पर्यटक भी यहां ठहर सकें.

आरके/एकेजे