Mumbai , 16 सितंबर . Supreme court ने Maharashtra Government और राज्य चुनाव आयोग को 31 जनवरी 2026 तक स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया है. इस फैसले पर राज्य के विभिन्न Political दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. Supreme court ने स्पष्ट किया कि चुनाव निर्धारित समयसीमा में हर हाल में पूरे किए जाएं. इस निर्देश के बाद राज्य Government ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं.
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने Supreme court के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “Supreme court ने Maharashtra Government और राज्य चुनाव आयोग को 31 जनवरी 2026 तक स्थानीय निकाय चुनाव कराने का स्पष्ट निर्देश दिया है. हमारी Government इस दिशा में पूरी तरह तैयार है.”
उन्होंने आश्वासन दिया कि Government कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए समय पर चुनाव कराएगी.
वहीं, Samajwadi Party के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया. उन्होंने कहा, “पिछले चार साल से स्थानीय निकाय चुनाव नहीं हुए, जिसके कारण नागरिक व्यवस्था चरमरा गई है. फंड का अभाव और अधिकारियों की मनमानी से भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. Supreme court का यह फैसला स्वागत योग्य है. Government को बिना देरी किए 31 जनवरी से पहले पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने चाहिए.”
आजमी ने यह भी आरोप लगाया कि पहले भी कोर्ट ने जल्द चुनाव कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन हेरफेर और देरी के कारण ऐसा नहीं हो सका. मैं मांग करता हूं कि कोर्ट के निर्देशों का तत्काल पालन हो.
कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने भी Supreme court के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा, “Mumbai में पिछले तीन-चार साल से निगम चुनाव नहीं हुए, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हुई है. Supreme court का यह निर्णय लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है. हम इसका स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे.”
गायकवाड़ ने पहले के कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि बार-बार देरी से जनता का विश्वास कम हुआ है. Supreme court का यह निर्देश Maharashtra में लंबे समय से लंबित स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है.
आपको बता दें कि Maharashtra में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर Supreme court ने साफ किया है कि चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और इसके लिए तय समयसीमा के भीतर सभी प्रक्रियाएं पूरी की जाएं.
राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दिया गया है कि दो सप्ताह के भीतर कर्मचारियों की सूची मुख्य सचिव को सौंपें, ताकि चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की देरी न हो.
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एकेएस/डीएससी