New Delhi, 30 जुलाई . राज्यसभा में Wednesday को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने India की विदेश और रक्षा नीति पर विपक्ष के सवालों का करारा जवाब दिया. जयशंकर ने कहा कि India ने निर्धारित लक्ष्यों पर सटीक कार्रवाई की और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के किसी भी नेता ने India पर दबाव नहीं डाला.
इसी दौरान विदेश मंत्री जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जवाब दे रहे थे, तभी विपक्षी नेता हंगामा करने लगे. इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को टोकते हुए कहा, ”मैं उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलकर सुन लें. 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक बार भी Prime Minister मोदी और President ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत नहीं हुई थी.”
उन्होंने कहा कि अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देशों से जो भी संवाद हुआ, वह पूरी तरह पारदर्शी और रिकॉर्ड में है. उन्होंने social media पर साझा जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि India ने स्पष्ट कर दिया कि Pakistan यदि संघर्ष विराम चाहता है, तो उसे हमारे डीजीएमओ चैनल से संवाद करना होगा.
चीन और Pakistan को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि India की कूटनीतिक सफलता इस बात से साबित होती है कि यूएनएससी में India भले ही स्थायी सदस्य न हो, लेकिन सुरक्षा परिषद प्रमुख का बयान India के पक्ष में आया. रूस सहित कई देशों ने India का समर्थन किया.
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, ”जो लोग Mumbai हमलों पर चुप रहे थे, आज वे हमें ज्ञान दे रहे हैं.”
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारतीय सेना को किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है और उसने आतंकियों के ठिकानों पर खुद ही सफलतापूर्वक कार्रवाई की है. उन्होंने नूर खान एयरबेस सहित कई आतंकवादी और सैन्य ठिकानों पर की गई तबाही का जिक्र करते हुए कहा कि सेना का श्रेय किसी और को देना उसका अपमान होगा.
‘न्यू नॉर्मल’ और ‘कांग्रेस नॉर्मल’ की तुलना करते हुए जयशंकर ने पांच बिंदुओं पर आधारित India की नई रणनीति राज्यसभा में प्रस्तुत की. चीन-Pakistan संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा और कहा कि कुछ नेता ‘ओलंपिक की क्लासरूम’ में जाकर चीन का ज्ञान लेकर आए हैं और चीनी राजदूत से ‘ट्यूशन’ लेते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि 2006 में कांग्रेस Government ने हू जिंताओ की यात्रा के दौरान चीनी कंपनियों को 3जी और 4जी जैसे क्षेत्रों में आमंत्रित कर देश की सुरक्षा से समझौता किया.
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डीएससी/एसके/एएस