लिंगायत संत ने कर्नाटक सरकार से कहा, लंदन से चेन्नम्मा की तलवार लेकर आओ

बेंगलुरु, 23 अक्टूबर . कर्नाटक में पंचमसाली मठ के प्रमुख लिंगायत संत मृत्युंजय स्वामीजी ने सोमवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से लंदन संग्रहालय से स्वतंत्रता सेनानी रानी कित्तूर चेन्नम्मा की तलवार वापस लाने का आग्रह किया.

बेंगलुरु में कित्तूर चेन्नम्मा की प्रतिमा पर माला चढ़ाने के बाद संत ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के सामने तीन अनुरोध रख रहा हूं. उन्हें रानी चेन्नम्मा से संबंधित रिकॉर्ड वापस लाना चाहिए, जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी, और उनकी तलवार जो वर्तमान में लंदन संग्रहालय में है, उसे भी लाना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “पुणे में रानी चेन्नम्मा से संबंधित लगभग 32,000 दस्तावेज हैं. जिस तरह शिवाजी की तलवार वापस लाई गई, उसी तरह चेन्नम्मा की तलवार भी वापस लाई जानी चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार को रानी चेन्नम्मा को प्रथम स्वतंत्रता सेनानी घोषित करना चाहिए. लोकसभा में गलत बताया गया है कि झांसी की रानी लक्ष्मी बाई पहली स्वतंत्रता सेनानी महिला थीं. रानी चेन्नम्मा ने लक्ष्मी बाई से 32 साल पहले कर्नाटक में अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी.

उन्होंने मांग की, “कित्तूर गांव को 3डी मॉडल में विकसित किया जाना चाहिए, इसे पूरी दुनिया के सामने पेश किया जाना चाहिए.”

लिंगायत समुदाय के अधिकारियों द्वारा उनकी उपेक्षा किए जाने के आरोप पर संत ने कहा कि यह बात उनके संज्ञान में भी आई है. उन्होंने कहा, ”मैं चुप हूं क्योंकि यह एक धार्मिक संत द्वारा प्रशासन में हस्तक्षेप के बराबर है. मैंने सुझाव दिया है कि सीएम को इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए. केवल लिंगायत ही नहीं, सभी समुदायों के अधिकारियों को अच्छी पोस्टिंग मिलनी चाहिए.”

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कांग्रेस सरकार को लोकसभा चुनाव से पहले लिंगायतों की पंचमसाली उपजाति के लिए पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत आरक्षण कोटा की मांग पर ध्यान देना चाहिए. “अन्यथा, हम शक्ति प्रदर्शन आयोजित करने में संकोच नहीं करेंगे. हमारे समुदाय को न्याय मिलना चाहिए.”

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