नई दिल्ली, 5 मई . जाने-माने कथा वाचक, भागवत कथा वक्ता, आध्यात्मिक नेता, धर्मरत्न एवं पीस एंबेसडर के तौर पर मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित देवकी नंदन ठाकुर ने के साथ साक्षात्कार में कई सारे मुद्दों पर खुलकर बात रखी. उन्होंने धर्म के अलावा राजनीति और पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया.
देवकीनंदन ठाकुर ने के साथ खास बातचीत में यह मांग की कि वक्फ बोर्ड को जितने अधिकार दिए गए हैं, उन सभी अधिकारों के साथ एक सनातन बोर्ड का भी गठन होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमारे मंदिर ले लिए गए. हज यात्रा पर फंड निकाल दिया गया. वक्फ बोर्ड बनाने की जरूरत थी तो एक सनातन बोर्ड भी बना दो. हम जानना चाहेंगे वक्फ बोर्ड को इतनी अथॉरिटी क्यों दे दी गई? उनके लिए रूल रेगुलेशन क्यों बना दिए गए? संविधान सबके लिए समान है तो कानून दो कैसे हो गए?
वक्फ बोर्ड का निर्माण क्यों हुआ? अगर वक्फ बोर्ड का निर्माण हुआ तो मैं तो आज पीएम मोदी से भी कहूंगा कि अगर उनकी दोबारा सरकार आई तो सनातन बोर्ड का भी गठन होना चाहिए. सनातन बोर्ड को वो सारे अधिकार मिलने चाहिए, जो वक्फ बोर्ड के पास हैं. सनातन न्यास को पूरा अधिकार मिलना चाहिए और इसके लिए हम जनजागृति करेंगे. ये देश हमारा है, पहला अधिकार हमारा होना चाहिए. इस देश में हम हिंदू 100 करोड़ हैं. जिन लोगों को वक्फ बोर्ड बनाकर अलग से अधिकार देते हो, वह लोग ऑलरेडी पाकिस्तान ले चुके हैं. उनके पास पाकिस्तान और बांग्लादेश है. हम सब कहां जाएंगे. इस इलेक्शन के बाद हमारा दो ही उद्देश्य रहेगा. पहला हम भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर के निर्माण के लिए बार-बार आवाज उठाएंगे. दूसरा जैसे वक्फ बोर्ड है वैसे सनातन बोर्ड होना चाहिए, जिसमें सनातन को सब अधिकार प्राप्त हो.
उन्होंने भाजपा के 400 पार के नारे पर कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि सरकार बननी चाहिए. जिन्होंने राम मंदिर बनाया है, वह श्री कृष्ण जन्मभूमि का मंदिर बनवाकर दें. ऐसी मैं आशा रखता हूं.
उन्होंने कृष्ण जन्मभूमि मामले पर अपनी राय रखते हुए कहा कि हमारे ब्रज में कहते हैं कि पूत के पांव पालने में दिखते हैं. मुझे ऐसा लगता है कि रामलला का भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण एक इशारा है कि अब कृष्ण मंदिर भी बनेगा. इस पृथ्वी पर औरंगजेब का जो अत्याचार था, उस अत्याचार का नामो-निशान, जिन्ना का भी नामो-निशान मिटेगा, ऐसा मुझे भविष्य में दिख रहा है.
देवकी नंदन ठाकुर ने आगे कहा, “मैं आप सब से आग्रह करूंगा कि इस बार का जो वोट है, वह सब भगवान श्रीराम के लिए जाना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि हम बाहर न निकलें. क्योंकि हमने यह भी सुना है अभी राम मंदिर बना लो, भविष्य में हम यह तोड़ देंगे. ऐसा मैं नहीं बोल रहा हूं. आप इंटरनेट पर जाकर देखें, ऐसे तमाम वीडियो भरे पड़े होंगे. मैं सनातनियों से निवेदन करूंगा जो राम को मानते हैं, कृष्ण भगवान शिव को मानते हैं, हनुमान को मानते हैं, देवी को मानते हैं, जो सनातन परंपराओं को किसी भी एंगल से मानते हैं, उनको अपने घर से निकलना चाहिए. इस बार का वोट रामजी को देना ही चाहिए और एक आशा को देना चाहिए कि राम मंदिर हो या कृष्ण मंदिर, वह बन सके.”
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जीकेटी/