सवर्णों की तरह मुसलमानों को भी आर्थिक आधार पर मिलना चाहिए आरक्षण : उदित राज

नई दिल्ली, 25 मार्च . कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के मुसलमानों को आरक्षण देने वाले बयान पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता उदित राज ने से बात करते हुए शिवकुमार का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सवर्ण 10 प्रतिशत आरक्षण लें, लेकिन मुसलमान चार प्रतिशत भी न लें? जबकि मुसलमानों की आबादी सवर्णों से ज्यादा है.

कांग्रेस शासित कर्नाटक सरकार ने राज्य के सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण दिया है. इस पर राजनीतिक बयानबाजी तेज है. कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, “जब हम मंडल कमीशन की सिफारिश को देखेंगे, तो उसमें 60 से 70 प्रतिशत ओबीसी मुसलमान हैं. इतनी बड़ी संख्या मंडल कमीशन के अंदर है, जिन्हें सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर आरक्षण दिया गया है.”

उन्होंने कहा, “अगर सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, तो मुसलमानों को क्यों नहीं दिया जा सकता? जबकि मुसलमानों की आबादी, सवर्णों की आबादी से कई गुना ज्यादा है. सवर्ण 10 प्रतिशत आरक्षण लें और मुसलमान चार प्रतिशत भी नहीं ले, यह बिल्कुल गलत है.”

एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दिए जाने के भाजपा के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “अभी तक मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया गया था. आजादी से लेकर अब तक महत्वपूर्ण पदों पर 70 से 80 प्रतिशत तक सवर्ण और जनरल कैटेगरी के लोग हैं. ऐसे में किसी वजह से एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण कमजोर हुआ. यह मुसलमानों के कारण तो नहीं हुआ. वहीं, जिनकी आबादी 10 प्रतिशत है, उन्हें आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि पूरी जनरल कैटेगरी भी उन्हीं की है. ऐसे में मुसलमानों के कारण आरक्षण कम होने की बात पूरी तरह से निराधार है.”

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के संविधान संबंधी बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस पर हमलावर हैं. भाजपा नेता कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और संविधान बदलने की मंशा रखने का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस नेता भाजपा पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं.

एससीएच/एकेजे