टोक्यो, 7 अगस्त . जापान के होकुरिकु क्षेत्र में Thursday को भी मूसलधार बारिश जारी रही. जापान मौसम एजेंसी (जेएमए) ने इस क्षेत्र में भूस्खलन, निचले इलाकों में बाढ़ और नदियों के जलस्तर के बढ़ने की चेतावनी जारी की. खासकर उन क्षेत्रों में सावधानी बरतने को कहा गया है, जो इस साल की शुरुआत में आए भूकंप से अभी तक उबर नहीं पाए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, होकुरिकु शिंकानसेन लाइन की बुलेट ट्रेन सेवाएं नागानो और कानेजावा स्टेशनों के बीच पांच घंटे से अधिक समय तक बंद रहीं.
वेस्ट जापान रेलवे कंपनी (जेआर वेस्ट) ने इसकी पुष्टि की. Wednesday से इशिकावा प्रीफेक्चर में तेज बारिश शुरू हो गई थी, जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई.
कानेजावा शहर में Thursday सुबह 5 बजे तक तीन घंटे में रिकॉर्ड 148 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. भारी बारिश की वजह से कई घरों की नींव के आसपास पानी भर गया और कम से कम 19 स्थानों पर सड़कें जलमग्न हो गईं. स्थानीय प्रशासन ने कुछ प्रीफेक्चरल सड़कों को आंशिक रूप से बंद कर दिया और कानेजावा में राहत केंद्र खोले गए हैं.
मौसम एजेंसी के अनुसार, इशिकावा के कागा क्षेत्र में भारी बारिश वाले बादलों की पट्टी बन गई है. यह वही इलाका है, जिसे नए साल के दिन यानी 1 जनवरी 2024 को आए नोतो प्रायद्वीप भूकंप ने बुरी तरह प्रभावित किया था. उस भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. अब फिर से इस इलाके में नुकसान की आशंका को देखते हुए प्रशासन सतर्क है.
जेएमए ने बताया कि जापान सागर के ऊपर एक कम दबाव वाला सिस्टम उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ रहा है, जिसकी वजह से वातावरण अस्थिर हो गया है. Friday तक यह सिस्टम दक्षिण की ओर खिसकने की संभावना है और Saturday तक यह जापान के पूर्वी से पश्चिमी इलाकों पर बना रह सकता है.
एजेंसी ने चेतावनी दी है कि Friday तक कई इलाकों में तेज बारिश और गरज-चमक के साथ आंधी जारी रह सकती है, क्योंकि गर्म और नम हवा इस कम दबाव वाले सिस्टम की ओर बढ़ रही है. उत्तर से लेकर पश्चिम जापान तक मौसम अस्थिर बना रहेगा.
जेएमए के पूर्वानुमान के अनुसार, Friday सुबह 6 बजे तक के 24 घंटों में तोहोकू क्षेत्र और क्यूशू के उत्तरी हिस्सों में 150 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है. वहीं, पहले से ही प्रभावित होकुरिकु क्षेत्र में करीब 120 मिलीमीटर बारिश की संभावना है.
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी समय जारी हो सकने वाले निकासी आदेशों पर ध्यान दें और संभावित भूस्खलन, अचानक बाढ़ और अन्य अवसंरचनात्मक परेशानियों से बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरतें.
–
वीकेयू/एबीएम