उपराज्यपाल ने संजय वन में प्राचीन स्मारकों के नए रूपों का किया उद्घाटन

नई दिल्ली, 3 मार्च . दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना सोमवार को महरौली स्थित संजय वन पहुंचे. यहां पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग(एएसआई) द्वारा प्राचीन स्मारकों को संरक्षित कर उसे उनके पुराने रूप में लाया गया है. उन्होंने इसका उद्घाटन किया.

एलजी ने कहा, “हम विरासत स्थलों को पुनर्जीवित करने और उन्हें बहाल करने तथा उन्हें दिल्ली के लोगों को सौंपने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं, ताकि वे उनके हितधारक संरक्षक बन सकें.”

एक बयान में कहा गया है कि यहां पर एक झरना भी तैयार किया गया है, जो यहां आने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा. इस अवसर पर सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, क्षेत्र के विधायक गजेंद्र सिंह यादव और डीडीए के उपाध्यक्ष विजय कुमार सिंह भी मौजूद थे. संजय वन में जीर्णोद्धार का काम मई 2023 से चल रहा है, जब एलजी सक्सेना ने पहली बार ग्रीन जोन का दौरा किया था. उन्होंने सुनिश्चित किया कि ऐतिहासिक संरचनाओं का संरक्षण, पर्यावरण उन्नयन कार्य और स्थल का जीर्णोद्धार मिशन मोड में शुरू किया गया.

संजय वन दिल्ली के प्रमुख हरियाली भरे क्षेत्रों में से एक है और पक्षी प्रेमियों तथा प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है. यह देसी और दुर्लभ प्रवासी पक्षि‍यों के घर के रूप में विकसित हुआ है. इस क्षेत्र में पृथ्वीराज चौहान और तोमर वंश के अनंगपाल द्वितीय के समय की कई ऐतिहासिक संरचनाएं हैं. डीडीए राष्ट्रीय राजधानी में विरासत और ऐतिहासिक संरचनाओं को बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. महरौली पुरातत्व पार्क का संरक्षण, सेंट जेम्स चर्च और हजरत निजामुद्दीन बस्ती का नवीनीकरण हाल ही में शुरू की गई कुछ अन्य परियोजनाएं हैं.

सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, “महरौली में डीडीए के संजय वन पार्क में आज उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कई प्राचीन स्मारकों के नए रूपों का उद्घाटन किया. उपराज्यपाल कितने दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति हैं, यहां आकर फिर से उसका आभास हुआ. भारत के अंतिम सम्राट पृथ्वीराज चौहान की हवेली जो पूरी तरह खंडहर हो चुकी थी, उसे जीर्णोद्धार करके पुराने रूप में लाया गया है. डीडीए और भारतीय पुरातत्व विभाग ने मिलकर यह संभव किया.”

सांसद ने आगे कहा कि इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया गया है. इसीलिए यहां एक एलजी ‘रॉक कैफे’ भी बनाया गया है. यहां का नजारा चट्टानों से गिरते झरने जैसा आभास देता है, जिसकी कल-कल ध्वनि अवश्य ही आपको अपनी तरफ खींचेगी. संजय वन पार्क में सम्राट पृथ्वीराज चौहान के समय का ही एक प्राचीन कुआं था. उसे भी फिर से जीवित किया गया है. कुएं का पानी इतना मीठा और स्वच्छ है कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते. आसपास के रमणीय वातावरण का अहसास लेने के लिए एक बार दिल्लीवालों को यहां अवश्य आना चाहिए. शीतल हवा के झोंके और हिल स्टेशन जैसा वातावरण आपको अवश्य ही प्रफुल्लित करेगा.

डीकेएम/