महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही ‘एलआईसी बीमा सखी योजना’

मुंबई, 22 दिसंबर . केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से महिला सशक्तिकरण के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. एलआईसी बीमा सखी योजना और स्वनिधी योजना इसी में से एक है, इससे मुंबई की महिलाएं भी लाभान्वित हो रही हैं.

‘एलआईसी बीमा सखी योजना’ भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की एक अनोखी पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है. यह योजना महिलाओं को एलआईसी एजेंट बनने का अवसर देती है, जिससे वे अपनी आमदनी बढ़ा सकती हैं. महिलाएं अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित कर सकती हैं. इस योजना के तहत बीमा उत्पादों की जानकारी देकर अन्य महिलाओं की मदद भी कर सकती हैं. इसके लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती.

वहीं, प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना छोटे व्यवसायों और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक वरदान साबित हुई है. यह उन लोगों के लिए है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देख रहे हैं. दोनों योजनाएं देश में महिलाओं और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इन योजनाओं के माध्यम से न केवल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में समानता और प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त होता है.

योजनाओं के लाभार्थी महिलाओं ने से बात की. उन्होंने बताया, “महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार बहुत काम कर रही है. एलआईसी बीमा सखी योजना से जुड़ी हर महिला को महीने में 7,000 रुपये स्टाइपेंड दिया जाएगा, जो एलआईसी की एक पॉलिसी लाएगी. इससे महिलाओं की अच्छी कमाई होती है. एलआईसी की पॉलिसी लाने वाली महिलाओं को दूसरे साल 6,000 और तीसरे साल 5,000 रुपये मिलेगा, वहीं प्रत्येक पॉलिसी में कमीशन मिलेगा. वहीं, एलआईसी में परमानेंट जॉब की भी व्यवस्था की गई है.”

एक अन्य महिला सुनीता यादव ने बताया, “पीएम मोदी की यह योजना महिलाओं को अच्छा रोजगार देने के लिए है. अब महिलाएं अपनी जिंदगी में आगे बढ़कर कुछ कर सकती हैं.”

मंगला गुप्ता ने बताया कि “महिला सशक्तिकरण के लिए मोदी सरकार ने बहुत अच्छी योजना निकाली है. महिलाएं घर पर बैठती हैं, घर का काम करती हैं. वहीं सरकार का कहना है कि वो कुछ काम करें और खुद की आमदनी करें.”

आशा शुक्ला ने बीमा सखी योजना को लेकर बताया, “यह पूरी तरह से महिलाओं के लिए है. आने वाले समय में इससे महिलाएं पूरी तरह सशक्त होंगी. सभी मह‍िलाएं इसमें रुचि दिखा रही हैं.”

एससीएच/