New Delhi, 4 सितंबर . दिल्ली की सभी जिला अदालतों के वकीलों ने उपराज्यपाल द्वारा जारी किए गए 13 अगस्त के नोटिफिकेशन और 4 सितंबर को जारी सर्कुलर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ऑफ दिल्ली ने घोषणा की है कि 8 सितंबर से सभी जिला अदालतों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा और इस आदेश के खिलाफ तेज विरोध प्रदर्शन भी होंगे.
दरअसल, 13 अगस्त को दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें पुलिसकर्मियों की गवाही पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रिकॉर्ड करने की व्यवस्था की गई थी. इसके खिलाफ दिल्ली की वकील बिरादरी ने कड़ा विरोध जताया. वकीलों का कहना है कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया की स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के खिलाफ है.
इस मुद्दे पर 2 सितंबर को वकीलों के प्रतिनिधिमंडल और दिल्ली बार काउंसिल के सदस्यों ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की थी. बैठक में गृह मंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस संबंध में एक स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा, जिसमें यह साफ किया जाएगा कि पुलिसकर्मियों की गवाही थाने से नहीं होगी.
हालांकि, 4 सितंबर को दिल्ली पुलिस आयुक्त कार्यालय से जो सर्कुलर जारी किया गया, वह वकीलों के मुताबिक गृह मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के खिलाफ है. इस सर्कुलर में कहा गया है कि गवाहों को ‘फॉर्मल’ और ‘मैटेरियल’ श्रेणियों में बांटा गया है और उनकी पेशी का निर्णय अदालत के विवेक पर छोड़ा गया है.
कोऑर्डिनेशन कमेटी ने कहा है कि यह सर्कुलर न्याय प्रणाली की पारदर्शिता, आरोपी के बचाव के अधिकार और निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों के खिलाफ है. कमेटी ने सख्त शब्दों में कहा कि यह आदेश जनविरोधी और तानाशाही वाला है.
कोऑर्डिनेशन कमेटी ने निर्णय लिया है कि 8 सितंबर से दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. तेज और आक्रामक विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. जब तक सरकार स्पष्ट और संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
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वीकेयू/डीकेपी